केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा निधि (नेशनल सोशल सिक्यूरिटी फंड) के गठन और उसके काम करने को मंजूरी दे दी है। इसके अंर्तगत बुनकरों, ताडी विक्रेताओं, रिक्शा चालकों और बीड़ी मज़दूरों आदि की समर्थन योजनाओं के लिए 1000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने इस नहीं, पिछले वित्त वर्ष 2010-11 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। यह निधि असंगठित क्षेत्र के विभिन्न अनुभागों के कामगारों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी योजनाओं में सहायता करेगा।
बता दें कि देश में ऐसे असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या लगभग 43.3 करोड़ है। ये ऐसे मजदूर है जिन्हें जीवन व अपंगता बीमा, स्वास्थ्य देखभाल और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं है। इस निधि के गठन से असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं तैयार करने में सहायता मिलेगी। इससे इन कर्मियों के कल्याण कार्य करने वाले विभिन्न विभागों द्वारा बनाई गई योजनाओं के विस्तार और निवेश के काम भी इसी निधि द्वारा किए जाएंगे।
केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रालय इस निधि के कामकाज के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। नोट करने बात यह है कि देश में कामगारों का 94 फीसदी से ज्यादा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है। दूसरे शब्दों में श्रमिकों का बमुश्किल 6 फीसदी हिस्सा सरकारी संस्थाओं व कंपनियों वगैरह में काम करता है, जिसे पीएफ व पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं। बाकी सभी अपने या भगवान भरोसे हैं।