कमरा व लड्डू की श्री सेवा की दौड़ में विप्रो, टीसीएस

तिरुपति के मशहूर मंदिर तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम की प्रतिष्ठित श्री सेवा परियोजना को हासिल करने के लिए टीसीएस और विप्रो जैसी तीन कंपनियां दौड़ में लगी हैं। ये कंपनियां सूचना प्रौद्योगिकी सेवा उपलब्ध कराएंगी जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सेवा मिल सकेगी।

फिलहाल मंदिर श्रद्धालुओं को ई-सेवा, ई-एकोमोडेशन, ई-सुदर्शनम और ई-हुंडी जैसी चार प्रमुख ई-सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। श्री सेवा परियोजना मंदिर प्रशासन को कमरा व लड्डू जैसी सेवा उपलब्ध कराने में मदद करेगी। तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम के कुल 48 विभाग हैं। श्रद्धालुओं को बेहतर सेवा देने के लिए इन्हें अत्याधुनिक बनाने और एक मंच पर लाने की जरूरत है।

सूत्रों ने कहा कि तकनीकी बोली में टीसीएस, विप्रो तथा इनफाइनाइट कंप्यूटर सोल्यूशंस को छांटा गया है। अब हम वित्तीय बोली मंगाई जाएगी। दिसंबर तक इस परियोजना को लागू करने का लक्ष्य है। श्री सेवा परियोजना के लिए तकनीकी बोली का काम दस दिन में पूरा हो जाएगा। उसके बाद मंदिर प्रशासन वित्तीय बोली मंगा सकता है।

मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि पहले चरण की परियोजना की लागत 30 से 35 करोड़ रुपए है। इसके अलावा सालाना रखरखाव का खर्चा करीब 12 करोड़ रुपए है। तिरूमाला में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण व्यवस्था पर खासा दबाव है। मंदिर प्रशासन के अनुमान के अनुसार तिरूमाला के मुख्य बालाजी मंदिर में रोजाना करीब 50,000 श्रद्धालु आते हैं। छुट्टी और त्यौहार के समय यह आंकड़ा एक लाख को पार कर जाता है। अधिकारियों के अनुसार परियोजना के पहले चरण की सफलता के बाद टीटीडी दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू करेगा।

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