न उनकी हार नई है, न अपनी जीत

एक दिन में सेंसेक्स के 422 अंक और निफ्टी के 125 अंक बढ़ने के बाद बाजार का थोड़ा गम खाना लाजिमी था। फिर भी खुला तेजी के साथ तो बाजार चलानेवालों को थोड़ी मुनाफावसूली का मौका मिल गया। हालांकि सेंसेक्स 74.47 अंक और निफ्टी 21.55 अंक गिरकर बंद हुआ है। लेकिन इससे यह नहीं मान लेना चाहिए कि बाजार का रुख फिर उलट गया है।

कल बाजार के बादशाह रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का दिन है। वह सितंबर तिमाही के नतीजे अगले दिन शनिवार को आनेवाले हैं, जब बाजार बंद रहेगा। इसलिए सारा हंगामा कल ही हो जाएगा। पूरी उम्मीद कि कंपनी अपनी आय में 38 फीसदी और शुद्ध लाभ में 17 फीसदी बढ़त का ऐलान करेगी। कल इंट्रा-डे ट्रेडर और शॉर्ट करनेवाले पंटर इस स्टॉक में जमकर धमाचौकड़ी मचाएंगे। इसका भारी असर सूचकांक पर पड़ेगा।

बाजार सूत्रों के मुताबिक सेंचुरी टेक्सटाइल्स अपने सीमेंट व्यवसाय को अलग करने की घोषणा करने जा रही है। इससे इसकी पूछ-परख बढ़ जाएगी क्योंकि अब बाजार को कंपनी के सीमेंट व्यवसाय के उद्यम मूल्य को संज्ञान में लेना पड़ेगा। प्राज इंडस्ट्रीज ने आज शुद्ध लाभ में 130 फीसदी से ज्यादा वृद्धि की घोषणा कर दी। फिर भी उसका स्टॉक बढ़ने के बजाय करीब तीन फीसदी घट गया क्योंकि बाजार को बोनस की अपेक्षा थी और कंपनी ने इसे पूरा नहीं किया।

निफ्टी में 4750 से ही हम लगातार एकतरफा खरीद की सलाह दे रहे हैं। इससे निफ्टी 5140 तक आ गया जो पिछले उच्च स्तर 5170 के काफी करीब है। तब इसमें थोड़ी बिकवाली की अपेक्षा थी जिसे हमने आपको बताया भी था। निफ्टी जब भी इस स्तर को पार करके ऊपर बंद होता है, हम खरीद की धारणा को लेकर एकदम जम जाएंगे।

साथ ही यह भी सच है कि मंदड़िए हार नहीं मान रहे हैं और वे ऐसा करेंगे भी नहीं। इसके कई कारण हैं। जैसे, 25 अक्टूबर को रिजर्व बैंक ब्याज दरों में एक और वृद्धि कर सकता है। आईटी सेक्टर ने रुपए की कमजोरी के चलते बेहतर कामकाज दिखाया है, लेकिन कुछ सेक्टर निराशाजनक नतीजे पेश कर सकते हैं जिससे औद्योगिक सुस्ती की बात पुष्ट हो जाएगी। क्या करें, शॉर्ट सेलिंग के लिए विश्वास के संकट और बुरी खबरों की तलाश का सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा। लेकिन इससे बाजार के और बढ़ने की मेरी आशा को बल मिलता है। हालांकि बढ़त एकतरफा नहीं होने जा रही है। अभी तो दो कदम आगे और एक कदम पीछे का क्रम ही चलेगा।

अभी तक अक्टूबर महीना अच्छा रहा है। ऐसा ही होगा, हम यह बात सितंबर से ही आपको बताते रहे हैं, जबकि तकरीबन हर कोई अक्टूबर में अपशगुन की दहशत फैला रहा था। इस मायने में बाजार ने अपने अंदाज में उनको जवाब दे दिया है। हां, इस बार बाजार का अंदाज थोड़ा अलहदा है।

खैर, हम कुछ शेयरों में तेजी और कुछ में मंदी का अपना अंदाज जारी रखेंगे। डीएलएफ, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, बॉम्बे डाईंग, आरआईएल, एसबीआई, इनफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और सिम्फनी में अब भी काफी दम है। वहीं ऑप्टो सर्किट, पेज इंडस्ट्रीज, टीटीके प्रेस्टिज, वीआईपी इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, जुबिलेंट फूड्स और डिश टीवी अंदर ज्यादा ही फूल चुके हैं। भले ही इनमें फौरन तीखी गिरावट न आए क्योंकि ऑपरेटरों ने इन पर मजबूत पकड़ बना रखी है। लेकिन इसके छूटते ही ये सभी धड़ाम-धड़ाम नीचे आने लगेंगे।

उनके जीवन में कोई त्रासदी नहीं है जो अपने लक्ष्य नहीं हासिल कर पाते। असली त्रासदी तो उनके साथ है जिनके जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं होते।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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