इतनी विपुल श्रमशक्ति वाले भारत में श्रम की इतनी उपेक्षा क्यों? अपने यहां अमेरिका या अन्य विकसित देशों की तरह ज्यादातर लोग रोज़गार दफ्तरों से काम मांगने नहीं जाते। फिर भी सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) के मुताबिक देश में इस वक्त करीब 5 करोड़ लोग काम करने को उत्सुक हैं, मगर उन्हें काम नहीं मिल रहा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1% के साथ 45 सालों के उच्चतम स्तर पर थी। जुलाई-सितंबर 2021 की तिमाही में यह 9.8% और साल भर बाद 7.2% रही थी। सीएमआईई के मुताबिक बेरोजगारी की दर अप्रैल में 8.11% रही है। अमेरिका हर महीने की 5-6 तारीख तक पिछले महीने के रोज़गार के आंकड़े दे देता है। लेकिन हमारी सरकार को श्रमशक्ति की इतनी ‘परवाह’ है कि वो ठीक से रोज़गार के आंकड़े ही नहीं जारी करती! अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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