मंदड़िए जब बनेंगे मदारी से जमूरे

कल भारी वोल्यूम के साथ निफ्टी के 5800 अंक से नीचे चले जाने के साथ बाजार ने ट्रेडरों और निवेशकों के विश्वास को डिगाकर रख दिया है। मुझे उम्मीद थी कि निफ्टी 5820 के बाद वापस उठेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका कारण मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के बढ़ने का अंदेशा बताया जा रहा है। पर यह बाजार के इस तरह धराशाई हो जाने का असली कारण नहीं हो सकता। जब वित्त मंत्री ऑन रिकॉर्ड कह रहे हैं कि कृषि की विकास दर 6 फीसदी तक पहुंच जाएगा, तब गिरावट की हकीकत को समझने के लिए काफी माथापच्ची की दरकार है।

मुझे तो एकमात्र वजह राजनीतिक मंच पर मची खींचतान नजर आती है। यह सच है कि सत्तारूढ़ पार्टी नए समीकरणों की तलाश में लगी है जिसका प्रभाव निकट भविष्य में होनेवाले मंत्रिमंडल के फेरबदल में देखा जा सकता है। सरकार कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार के मुद्रास्फीति से निपटने के तौर-तरीकों से खुश नहीं है। इसलिए मंत्रिमंडल में कुछ बड़े बदलावों के लिए तैयार रहिए। साथ ही मैं इस बार अवाम को पटानेवाले बजट की अपेक्षा कर रहा हूं। देखते-देखते एक दिन 2जी स्पेक्ट्रम और उससे जुड़ा विवाद अचानक सुलझ जाएगा। हालांकि कब ऐसा होगा, इसका पता बाजार को नहीं चल पाएगा।

बाजार सेंसेक्स में 1000 अंक की गिरावट के साथ लगभग 19200 के समर्थन स्तर पर आ गया है जो 200 दिनों के मूविंग एवरेज (डीएमए) के काफी करीब है। और, मेरे सभी दोस्तों को टेक्निकल एनालिस्टों व चार्ट फेंकने वालों की तरफ के बेचने की कॉल मिलने लगी है। एक काफी जानेमाने ब्रोकरेज हाउस ने आज बेचने की 14 कॉल पेश की है। जैसे, उसने अबन ऑफशोर को 300 रुपए के लक्ष्य के साथ बेचने को कहा है। अबन का मौजूदा भाव 706.85 रुपए चल रहा है। इसी से मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है।

इसी ब्रोकरेज फर्म ने 2008 में एसबीआई को तब 540 रुपए के लक्ष्य के साथ बेचने को कहा था जब वह 900 रुपए पर था। लेकिन इसके बाद तो एसबीआई 3500 रुपए तक जा चुका है। मैं यह सब इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि आपको अब स्टॉक्स के बारे में फैसला करना है। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता जो आप कुछ मूर्खों की तरह ऐसी ब्रोकरेज फर्मों के पीछे-पीछे चलते हैं। आप को खुद अपने-आप को बदलना है और आप ऐसा कर सकते हैं। लेकिन मैं खुद को नहीं बदल सकता।

मेरी रणनीति की आलोचना करनेवाले हमेशा रहेंगे। सेंसेक्स 8000 पर था, तब वे मंदी की वकालत कर रहे थे। सेंसेक्स 20,000 पर आ गया, तब भी वे मंदी का ही राग आलाप रहे थे। मैं तो मूलभूत कारकों या फंडामेंटल्स को मानता हूं। अगले वित्त वर्ष 2011-12 में कंपनियों के मुनाफे में कम से कम 20 फीसदी इजाफा होगा और तब 18 से 20 पी/ई अनुपात के साथ सेंसेक्स 24,000 से 26,000 तक चला जाएगा। हालांकि हमने कभी भी सेंसेक्स के 19,000 तक गिर जाने की आशंका से इनकार नहीं किया था। हां, ऐसा थोड़ा पहले जरूर हो गया।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के नए आंकड़े कल आने हैं। अमेरिका की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) की बैठक कल हो रही है। ब्रिटेन में ब्याज दरों पर फैसला परसों 13 जनवरी को होगा। इनफोसिस के तीसरी तिमाही के नतीजे भी 13 जनवरी को आने हैं। इतना सब कुछ एक साथ हो रहा है। मंदड़ियों ने सही वक्त पर निशाना साधा है। अच्छे शेयरों में कमजोर तरलता के चलते पी/ई अनुपात को फिर से परिभाषित किया जा रहा है। अभी हालत यह है कि ए ग्रुप के स्टॉक 30 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे हैं। फिर सेंसेक्स का पी/ई अनुपात 18 पर क्यों है? यह स्थिति बदलेगी और इसी के साथ सेंसेक्स भी बदलेगा।

मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि बाजार की दशा-दिशा के बारे में मेरी धारणा नहीं बदली है। मैं आर्थिक विकास और लिक्विडिटी को तरजीह देता रहूंगा। मैं जानता हूं कि शेयर बाजार और क्रिकेट के मैचों में बहुत अंतर नहीं है क्योंकि दोनों ही किसी न किसी रूप में अक्सर फिक्स किए जाते हैं। अभी बाजार में कोई लांग पोजिशन खड़ी नहीं है और निफ्टी 5600 पर भी चला गया तो किसी को मार नहीं लगेगी। लेकिन निफ्टी अगर वापस 6200 पर जा पहुंचा तो बहुत सारे मंदड़िए मदारी से जमूरे बन जाएंगे। यह है तेजड़ियों की असली कमाई।

2011 एक और सुनहरा साल है। स्टॉक केंद्रित तेजी जारी रहेगी। तमाम स्टॉक्स चल नहीं पा रहे हैं। फिर भी बहुत से स्टॉक्स 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पड़े हुए हैं। रिटेल निवेशकों ने बाजार से पैसे नहीं बनाए हैं। लेकिन उनमें से कुछ समझदार निवेशकों ने जरूर कमाई की है।

कितनी अजीब बात है कि जब आप औरों से ज्यादा समझदारी अपनाकर कामयाब हो जाते हैं तो लोगबाग इसे किस्मत का नाम दे देते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

1 Comment

  1. Dear Chamtkari Chadri sir ,
    when you know and believe that basik information and fundamental analysis is a key of success then why you dont believe in technical analysis ?

    if you found or think any problem and drowback in technical (chart) analysis then please post here !!

    everybody wanna know !!

    Thank You Very Much: for your site and post all are master pees in the web world .

    Thank you again !

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