विदा लेते साल 2010 के दौरान देश में भ्रष्टाचार और घोटालों के कई मामले सामने आए। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था नौ फीसदी की तेज रफ्तार के साथ आगे बढती दिखाई दी। पहले राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में भ्रष्टाचार, फिर कॉरपोरेट जगत के लिये जनसंपर्क का काम करनेवाली नीरा राडिया के नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों के साथ बातचीत के टेप के सार्वजनिक होने और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से उठा तूफान। इन सब विवादों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था नौ फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की ओर अग्रसर रही।
सुधार से संबंधित विधेयक सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध की वजह से आगे नहीं बढ़ पाए। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की विपक्ष की मांग से संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। यह पूरा मामला 2जी स्पेक्ट्रम सस्ते मूल्य पर आवंटित करने से जुड़ा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, इस घोटाले की वजह से सरकार को 1. 76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
साल का अंत आते-आते प्याज की ऊंची कीमतों ने सरकार के समक्ष एक और चुनौती खड़ी कर दी। इसके साथ ही टमाटर और लहसुन के दाम भी ऊंचाई पर पहुंच गए। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद इस साल एक बार फिर से भारत के निर्यात में तेजी दिखाई दे रही है। सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात 200 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 179 अरब डॉलर का था।