यकीनन, भारत अन्य देशों से अभी बेहतर स्थिति में है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में हमारी अर्थव्यवस्था 7% बढ़ेगी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अपना अनुमान 7.4% से घटाकर 6.8% कर दिया है। वहीं, विश्व बैंक ने अपना अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.9% कर दिया है। इससे पहले अपना रिजर्व बैंक अप्रैल में कह रहा था कि हमारा जीडीपी इस साल 7.2% बढ़ेगा। लेकिन उसने दिसंबर तक यह अनुमान गटाकर 6.8% कर दिया। आशंका यह है कि हमारी आर्थिक विकास दर अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 5.2% पर आ सकती है। फिर भी इतनी घट-बढ़ के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार रहेगा। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शायद इसी वजह से भारत में अगले पांच साल तक भरपूर संभावना देखते हैं तो रुक-रुककर निवेश करते रहेंगे। अब बुधवार की बुद्धि…
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