इस समय देश की मुख्यधारा कहा जाने वाला मीडिया जो भी दिखाता है, वो या सनसनी है या तो झूठ और नहीं तो विशुद्ध सरकारी प्रचार। आरटीआई से सूचनाएं मांगो तो उसे राष्ट्रहित व राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बताकर छिपा लिया जाता है। सोशल मीडिया पर लिखने या यूट्यूब चैनल चलानेवालों के पास बेहद सीमित संसाधन हैं। वे खोजकर कुछ लाते भी हैं तो सरकारी धन पर पल रही ट्रोल लॉबी उसे झूठ-झूठ का हल्ला मचाकर दबाने में जुट जाती है। समस्या यह भी है कि भरोसा करें तो किस पर करें! नीलेश शाह निवेश की दुनिया के अनुभवी व प्रतिष्ठित नाम हैं। अभी कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड की एएमसी के प्रबंध निदेशक हैं। बुद्ध जैसी संतुलित भाषा-वाणी। लेकिन जब से प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य बने हैं, तब से सफेद झूठ बोलने लगे हैं। हाल में उन्होंने एक लेख में लिखा कि यूपीए के दस सालों में देश की विकास दर कम थी, जबकि मोदीराज में चमकने लगी। सच यह है कि यूपीए राज में जीडीपी की सालाना औसत विकास दर 7.8% रही थी, जबकि मोदीराज के दस साल में 5.8% ही रही है। ऐसे में हम-आप जैसे साधारण लोग सच तक पहुंचे तो कैसे पहुंचे? ऊपर से सत्ताधीशों पर सवाल उठाकर कोई पटरी पर चल आ रही अपनी जिंदगी को जोखिम में क्यों डाले? इसलिए लोग सोचते हैं – जाहे विधि राखे राम, ताहे विधि रहिए। नंगों से आखिर क्यों पंगा लेना! अब मंगलवार की दृष्टि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...