त्रिवेणी ग्लास के दिन बहुरेंगे

इस पल की बात करें तो पावर ग्रिड, सेंचुरी, आईएफसीआई, आईडीबीआई और एचडीआईएल मेरे सबसे पसंदीदा स्टॉक हैं। खासकर पावर ग्रिड जो बहुत जल्द ही 135 रुपए का स्तर छूने वाला है। आईएफसीआई के बारे में मैंने कहा ही था कि सरकार आगे बढ़कर कह सकती है कि वह इसके बांडों को इक्विटी में नहीं बदलने जा रही। ऐसा ही हुआ। नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय) के सूत्रों ने इस मसले से जुड़े हमारे विश्लेषकों को बताया है कि बांड को इक्विटी में बदलने को लेकर नियमन संबंधी कुछ उलझनें हैं। इसलिए ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं है। जैसे ही हमने इस बारे में स्पष्टीकरण पेश किया, आईएफसीआई का स्टॉक 3 फीसदी बढ़ गया।

एचडीआईएल मुंबई में टीडीआर (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स) के मामले में सबसे बड़ी खिलाड़ी है। महाराष्ट्र सरकार कुछ जगहों पर 4 एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) की इजाजत दे रही है। इस बाबत भी एचडीआईएल दूसरी रीयल एस्सेट कंपनियों से दो कदम आगे है।

केमिकल उद्योग उफान पर है। आप इसकी मिसाल दुजोडवाला प्रोडक्ट्स में देख चुके हैं। इसने 250 करोड़ रुपए की आय पर 20 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। आप तय करें कि इस शेयर का भाव क्या होना चाहिए। वैसे, इस उद्योग में मेरा सबसे चहेता स्टॉक है कैम्फर और यह कई गुना बढ़ सकता है। मैंने जब गिलैंडर्स को चुना, तब आपको इसका अहसास नहीं हुआ। इसी तरह इस बार भी आप कैम्फर को नहीं समझ पा रहे हैं। यह शेयर बहुत जल्द 300 रुपए पर पहुंचेगा और इस बार इसमें रोज का वोल्यूम 5 लाख शेयरों का होगा। इसमें सक्रिय बड़े तेजड़िए का नाम जल्दी ही जगजाहिर हो जाएगा।

त्रिवेणी ग्लास में हमारा निहित स्वार्थ है। यह एक ऐसा स्टॉक है जिसमें बहुत सारे निवेशक फंस चुके हैं। लेकिन अब उनकी किस्मत मुस्करा रही है। कंपनी ने मेरठ का अपना सबसे छोटा संयंत्र जापान के एक ग्राहक को 20 करोड़ रुपए में बेच दिया है। अब यह इलाहाबाद का संयंत्र बेच रही है जिसकी कीमत 150-200 करोड़ रुपए से कम नहीं होगी। कंपनी के खातों में उसका ग्रॉस ब्लॉक 250 करोड़ रुपए का है। मशहूर ग्लास कंपनी सेंट गोबैन ने 1000 टन प्रतिदिन क्षमता के संयंत्र पर 995 करोड़ रुपए खर्च किए थे। त्रिवेणी ग्लास के इलाहाबाद संयंत्र की क्षमता 400 टन प्रतिदिन है।

कंपनी पर कुल ऋण 80 करोड़ रुपए का था, जिसमें से 20 करोड़ रुपए मेरठ संयंत्र की बिक्री से मिले रकम से लौटा दिए गए हैं। अब बचे 60 करोड़ रुपए और आईडीबीआई वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) भी करेगा। मुझे लगता है कि सारा कर्ज चुकाने और संयंत्र की बिक्री के बाद कंपनी के पास 50-100 करोड़ रुपए बच जाएंगे। कंपनी का आखिरी संयंत्र राजमुंदरी की गैस बेल्ट में है। इससे उसकी उत्पादन लागत 4 रुपए से घटकर 1.6 रुपए रह जाएगी। इसके बाद कंपनी 12 करोड़ रुपए की इक्विटी पर 8 से 10 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा सकती है क्योंकि उसकी ब्याज लागत तो शून्य हो चुकी होगी। हालांकि यह इस पर निर्भर करता है कि जापानी खरीदार संयंत्र का भुगतान कैश में करता है या नहीं। ईजीएम (असाधारण आम सभा) की नोटिस मिलने के बाद ही और ज्यादा ब्योरा मिल पाएगा। ज्यादा अच्छा यह होगा कि शेयरधारक मसले को समझने के लिए ईजीएम में शिरकत करें। अगर सब कुछ ठीक से निपट जाता है तो यह शेयर पहले की ऊंचाई पर पहुंच सकता है। वैसे, त्रिवेणी ग्लास आज बीएसई में 9.98 फीसदी बढ़कर 13.67 रुपए पर पहुंचा तो उस पर ऊपरी सर्किट लग गया।

एसएनएल बियरिंग्स अब भी बियरिंग उद्योग का सबसे सस्ता स्टॉक है। जहां दूसरे शेयरों का पीई अनुपात 20 के ऊपर है, वहीं इसका पीई केवल 9 है। आधार भी मामूली है। बिक्री रही है केवल 15 करोड़ रुपए। इसलिए छोटे आधार के चलते धमाकेदार वृद्धि की भारी संभावना है। कंपनी की प्रवर्तक एनआरबी है। यह स्टॉक बहुत तेजी से 350 रुपए के पास जाने की सामर्थ्य रखता है। अगले तीन सालों तक ऑटो उद्योग चमकेगा और इसलिए ऑटो एंसिलरी उद्योग में भी चकाचौंध छाई रहेगी।

अगर आपके पास इकलौता औजार हथौड़ी हो तो आपको हर समस्या कील की तरह नजर आने लगती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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