नीति आयोग के लक्ष्य के मुताबिक 2047 में देश को सतही स्तर पर मुद्रास्फीति के झाग समेत 18,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय का लक्ष्य हासिल करना है तो इसे अगले 22 सालों तक 9.01% की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ना होगा और मुद्रास्फीति के झाग के बिना यह लक्ष्य हासिल करना है तो इस दौरान 11.85% की सीएजीआर से बढ़ना होगा। औसतन 6-6.5% की वृद्धि दर वाला देश कैसे यह असंभव चमत्कार कर दिखाएगा, यह मानव समझ से परे है। खैर, मान भी लें कि ऐसा चमत्कार हो जाएगा तो हमें भारत की स्थिति को राज्यों की भिन्नता के आधार पर परखना होगा। बिहार और उत्तर प्रदेश प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश के सबसे गरीब राज्य हैं। बिहार की प्रति व्यक्ति आय 60,337 रुपए (692 डॉलर) और उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 93,514 रुपए (1072 डॉलर) सालाना है। उत्तर प्रदेश की आबादी 24 करोड़ और बिहार की आबादी 13 करोड़ है। इनकी संयुक्त आबादी 37 करोड़ है जो भारत की कुल आबादी की 26% है। यह अमेरिका की आबादी 34.5 करोड़ से भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा और बिहार में उसके गठबंधन एनडीए की सरकार है। राजनीति में टॉप, अर्थनीति में फ्लॉप क्यों? अब मंगलवार की दृष्टि…
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