टैरिफ युद्ध में त्रस्त है टेक्सटाइल उद्योग

टैरिफ युद्ध पर दुनिया के सबसे ज्यादा आयात करनेवाले देश अमेरिका और सबसे ज्यादा निर्यात करनेवाले देश चीन के बीच वार-पलटवार जारी है। अमेरिका के 54% के जवाब में चीन में 84% टैरिफ लगाया तो अमेरिका ने उसे पहले बढ़ाकर 104% और फिर 125% कर दिया। 27 देशों के यूरोपीय संघ ने अमेरिका के 20% आयात शुल्क के जवाब में 25% आयात शुल्क का ऐलान कर दिया। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक खामोश हैं, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि अमेरिका के 27% टैरिफ लगा देने का भारत पर क्या असर पड़ेगा। ट्रम्प ने क्रिया की प्रतिक्रिया से घबराकर 75 देशों पर जवाबी टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया तो इसका श्रेय हमारे शेखचिल्ली वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल लेने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच भारतीय उद्योग जगत के अलग-अलग हिस्से असहाय होकर अंधेरे में हाथ-पैर मार रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशान है टेक्सटाइल व अपैरल उद्योग। कृषि के बाद यह उद्योग देश में सबसे ज्यादा रोज़गार देता है। इस उद्योग का लक्ष्य 2023-24 के 34.6 अरब डॉलर निर्यात को 2029-30 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का था। लेकिन अब यह मुमकिन नहीं। अब शुक्रवार का अभ्यास…

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