टीसीएस ने कल उम्मीद से बेहतर नतीजे घोषित किए और शॉर्ट कवरिंग के चलते इसका शेयर खुला ही काफी ज्याद बढ़कर। लेकिन फिर मुनाफावसली शुरू हो गई तो तेजी फिलहाल आज के लिए थोड़ी थम गई। फिर भी कुल मिलाकर कल से दो फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ है। बाजार भी सुबह 5631.70 तक जाने के बाद नीचे आ गया। असल में यूरोपीय बैंकों के स्ट्रेस टेस्ट से पहले तमाम शॉर्ट सौदे करनेवाले थोड़ा दबाव मेंऔरऔर भी

देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंरनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने उम्मीद से बेहतर नतीजे घोषित किए हैं। चालू वित्त वर्ष में जून 2011 की पहली तिमाही में उसने समेकित या कंसोलिडेटेड आधार पर 2414.76 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है। यह साल भर पहले जून 2010 की तिमाही के शुद्ध लाभ 1906.07 करोड़ रुपए से 26.69 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान कंपनी की आय 8217.28 करोड़ रुपए से 31.39 फीसदी बढ़कर 10797.02 करोड़ रुपएऔरऔर भी

जैसी कि उम्मीद थी, मुंबई का सीरियल ब्लास्ट शेयर बाजार पर बेअसर रहा। बाजार खुला जरूर थोड़ा गिरावट व घबराहट के साथ। लेकिन यह मंदड़ियों को घात लगाकर पकड़ने जैसा था क्योंकि परसों निफ्टी 5500 तक गिर गया था और तमाम ट्रेडर व देशी-विदेशी फंड शॉर्ट सौदों में फंस गए थे। यह मजबूत इरादों वाले तेजड़ियों के लिए सुनहरा मौका था और वे मंदड़ियों के साथ जारी शीत-युद्ध के बीच निफ्टी को 5620 के ऊपर ले गए।औरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट जारी है। कुछ समय पहले तक वह बाजार पूंजीकरण (शेयरों के मूल्य और कुल शेयरों की संख्या का गुणनफल) में केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज से पीछे थी। लेकिन इसके बाद अन्य सरकारी कंपनी कोल इंडिया उससे आगे निकल गई। अब टाटा समूह की कंपनी टीसीएस का बाजार पूंजीकरण भी ओएनजीसी से ज्यादा हो गया है। इस तरह बाजार पूंजीकरण के लिहाज से ओएनजीसी देश में ऊपर से चौथेऔरऔर भी

सिर्फ बाजार भाव से नहीं पता चलता है कि कोई शेयर सस्ता है या नहीं। भाव बढ़ जाने के बावजूद वह सस्ता हो सकता है या महंगा। इसका पता इससे चलता है कि उसके मूल्यांकन का स्तर क्या है। और, मूल्यांकन का पैमाना है पी/ई अनुपात। यानी, बाजार भाव को उसके सालाना ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) से भाग देने पर निकला अनुपात। आप कहेंगे कि यह तो अलग-अलग कंपनियों की बात हुई। कंपनियों के किसी सेट काऔरऔर भी

देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भारत में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन इस साल 12 से 14 फीसदी बढ़ाने पर विचार कर रही है। विकसित देशों में यह वृद्धि 2 से 4 फीसदी और उभरते देशों में 2 से 14 फीसदी रह सकती है। यह कहना है कि कंपनी के सीईओ एन चंद्रशेखरन का। गुरुवार को मुंबई में कंपनी के चौथी तिमाही व सालाना नतीजों की घोषणा के बाद चंद्रशेखरन ने मीडियाऔरऔर भी

बाजार पर तेजी का जुनून इस कदर सवार है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम, मुद्रास्फीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को डाउनग्रेड किया जाना भी उसे रोक नहीं पा रहा। आज लगता है कि वे ट्रेडर व निवेशक कितने बौड़म थे जो सेंसेक्स के 17,000 के स्तर पर कच्चे तेल, मुद्रास्फीति और वैश्विक चिंताओं का भय दिखाकर हमें समझा रहे थे कि यह 14,000 तक गिर जाएगा। ऐसा न कभी होना था, न ही हुआ क्योंकि लाभार्जन केऔरऔर भी

टीसीएस के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस टेक्नोलॉजीज ने नए वित्त वर्ष 2011-12 के लिए उम्मीद के अनुरूप डॉलर में आय के 18 से 20 फीसदी बढ़ जाने का अनुमान पेश किया, वित्त वर्ष 2010-11 में उसकी आय भी 20.9 फीसदी बढ़ गई है। फिर भी कुछ ऐसी चीजें हो गईं जो बाजार को रास नहीं आईं। सो, उसका शेयर शुक्रवार को बीएसई में 9.59 फीसदी गिरकर 2988.80 रुपए और एनएसई मेंऔरऔर भी

कल सुबह शुक्रवार, 15 अप्रैल को बाजार खुलने से पहले इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्त वर्ष 2010-11 के नतीजे आ चुके होंगे। तीन तिमाहियों के नतीजे सामने हैं तो चौथी तिमाही का रहस्य खुलने का इंतजार पूरे बाजार को है। उम्मीद का जा रही है कि नतीजे सकारात्मक रूप से चौंकानेवाले होंगे। कुछ इसी उम्मीद में पिछले तीन कारोबारी सत्रों में इनफोसिस का शेयर 2.45 फीसदी बढ़ चुका है। 8 अप्रैल को इसका बंदऔरऔर भी

इनफोसिस टेक्नोलॉजीज ने कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों का आगाज कर दिया। कंपनी की आय 23.8 फीसदी और शुद्ध लाभ 14.2 फीसदी बढ़ गया है। लेकिन बाजार इससे ज्यादा उम्मीद लगाए बैठा था। इसलिए इनफोसिस के शेयर गुरुवार को करीब पांच फीसदी गिर गए। कंपनी ने 31 दिसंबर 2010 को खत्म तिमाही में समेकित आधार पर 7106 करोड़ रुपए की आय हासिल की है जो सितंबर तिमाही से 2.3 फीसदी और पिछले साल भर की दिसंबरऔरऔर भी