दावाग्नि कितनी भी प्रबल हो, वह पेड़ों को तो जला डालती है, पर जड़ों को नहीं। लेकिन मीठी हवा सुलगा-सुलगाकर जड़ों को भी नष्ट कर देती है। कहा भी गया है कि धीमा ज़हर ज्यादा खतरनाक होता है।और भीऔर भी