जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में एक बड़ी ग्लोबल एकाउंटेंसी फर्म अर्न्स्ट एंड यंग की सांठ-गांठ सामने आई है, उसे देखते हुए तमाम छोटे-बड़े निवेशकों में डर समाऔरऔर भी

जो दिखता है, वह सच नहीं और जो सच है, वह तब तक नहीं दिखता जब तक कोई घोटाला न जाए। सच की ऐसी परदादारी देख किसी का भी विश्वास टूट सकता है। सोचिए, मार्च 2019 के अंत तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक का सकल एनपीए 3.76 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 2.19 प्रतिशत रहा था, जबकि इसी दौरान देश से सबसे बड़े बैंक एसबीआई का सकल एनपीए 7.53 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 3.01 प्रतिशत था।औरऔर भी

मार्च में खत्म हो रहे वित्त वर्ष 2012-13 के आम बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य व प्रसारण जैसी सामाजिक सेवाओं पर 20,784 करोड़ रुपए के खर्च का प्रावधान है। यह देश की 121 करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए है। वहीं, केंद्र सरकार राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जैसे मुठ्ठी भर वीवीआईपी लोगों के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का फैसला करती है, जिसकी लागत 3600 करोड़ रुपए है। यह रकम सामाजिक सेवाओं के व्यय की 17.32% बैठती है। भले हीऔरऔर भी

इस देश का हाल अजीब है जहां कश्मीर कैश्मीर हो जाता है और अंतरिक्ष एंट्रिक्स। खैर, अंतरिक्ष व निजी कंपनी देवास के बीच हुए करार के मुद्दे पर अपने खिलाफ की गई कार्रवाई से आहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने इस कदम के पीछे अंतरिक्ष एजेंसी के मौजूदा चेयरमैन के राधाकृष्णन का हाथ होने का आरोप लगाया है। बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने नायर और तीन अन्यऔरऔर भी

हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने सत्यम घोटाले के मुख्य आरोपी बी रामलिंगा राजू और सात अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। गुरुवार को अदालत ने इन सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी। सत्यम घोटाले की सुनवाई 31 जुलाई तक की तय समयसीमा में पूरी न होने के कारण राजू और अन्य आरोपियों ने सोमवार को अतिरिक्त चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से जमानत की अपील की थी। राजू के अलावा सत्यम के पूर्वऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने गवाहों की संख्या घटाकर 220 कर दी है, जबकि चार्जशीट में उसने 690 गवाहों का उल्लेख किया था। असल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सीबीआई ने गवाहों की संख्या घटाई है। सीबीआई के डीआईजी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, चार्जशीट के दावों को मजबूत करनेवाले तथ्यों से जुड़ेऔरऔर भी

anil writing

उनको इतनी मिर्ची लग जाएगी, अंदाजा नहीं था। दुख इस बात का है कि छल-प्रपंच में लगी स्पीक एशिया की तरफदारी ऐसे लोग कर रहे हैं जो बड़ी ईमानदारी व मेहनत से घर-परिवार चलाते हैं। मानस कुमार भले ही स्पीक एशिया के घोटालेबाज टीम से सदस्य हों, लेकिन महेश, हरप्रीत, रंजीत, अजीत, धीरज रावत, नितेश और ‘बेनामी’ झलक तक हमारे-आप जैसे लोग हैं जो अपनी व अपनों की जिंदगी में खुशियां बिखेरना चाहते हैं। झलक की यहऔरऔर भी

कुछ ही दिनों पहले स्पीक एशिया की तरफ से अपने सभी पैनलिस्ट को बताया गया है कि, “12 मई तक की सभी कैश रिक्वेस्ट उनके बैंक खाते में क्रेडिट की जा चुकी होंगी और बाकी 21 मई तक की कैश रिक्वेस्ट हमारे बैंक ने प्रोसेस कर ली है और अगले हफ्ते किसी वक्त वह आपके खाते में क्रेडिट हो जाएगी।” लेकिन स्पीक एशिया का यह दावा बहुत मुमकिन है कि पूरा ही न हो क्योंकि कई बैंकोंऔरऔर भी

अमेरिका की पूंजी बाजार नियामक संस्था, एसईसी (सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) ने प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) की पांच भारतीय सहयोगी फर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में घोटाले के दौरान प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स से जुड़ी फर्में ही उसके लिए स्वतंत्र ऑडिटर का काम कर रही थीं। पीडब्ल्यूसी की इन भारतीय सहयोगी फर्मों पर लगातार सत्यम के वित्तीय खातों में गड़बड़ी वाला ऑडिट करने का आरोप लगता रहा है। इस वजहऔरऔर भी

बैंकर से लेकर अर्थशास्त्री तक कहे जा रहे हैं कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा में ब्याज दरें बढ़ा देगा। खासकर फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के उम्मीद से ज्यादा 8.31 फीसदी रहने पर लगभग पक्का माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों यानी रेपो और रिवर्स रेपो दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर क्रमशः 6.75 फीसदी और 5.75 फीसदी कर देगा। लेकिन सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक इस बार ऐसाऔरऔर भी