हमारे नीति-नियामकों के लिए थोड़े सुकून की बात है कि तीन महीने बाद खाद्य मुद्रास्फीति की दर अब दहाई से इकाई अंक में आ गई है। 26 फरवरी को खत्म हफ्ते में इसकी दर 9.52 फीसदी दर्ज की गई है जबकि इसके ठीक पिछले हफ्ते में यह 10.39 फीसदी पर थी। इस तरह इनमें 87 आधार अंकों की कमी आ गई है। एक आधार अंक या बेसिस प्वाइंट का मतलब 0.01 फीसदी होता है। इन आंकड़ों सेऔरऔर भी

देश में जहां एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) निवेश बढ़ता जा रहा है, वहीं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) घट रहा है। एफआईआई निवेश में एक तरह का उबाल आया हुआ है। लेकिन पिछले छह महीनों में एफडीआई घटकर लगभग आधा रह गया है। इस बीच हमारा व्यापार घाटा भी बढ़ रहा है। यूरो ज़ोन के संकट ने हमारे व्यापार संतुलन पर विपरीत असर डाला है। चिंता के ये सारे मसले खुद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उठाए हैं।औरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8.25 फीसदी से 8.75 फीसदी के बीच रहेगी और जल्द ही हम नौ फीसदी की औसत वृद्धि दर हासिल करने में सफल रहेंगे। हालांकि, इसके साथ ही मुखर्जी ने इस बात पर चिंता भी चिंताई कि खाद्य वस्तुओं की उंची कीमतों की वजह से महंगाई की दर बढ़ रही है। वित्त मंत्री ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में आर्थिकऔरऔर भी

खुद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अब स्वीकार कर लिया है कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार माल व सेवा कर (जीएसटी) को 1 अप्रैल 2011 से लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने बुधवार को मुंबई में इनकम टैक्स, कस्टम्स व सेंट्रल एक्साइज के चीफ कमिश्नरों और कमिश्नरों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने अपनी तरफ से जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक को संसद के मानसून सत्र में लाने की हरसंभव कोशिश की। आपऔरऔर भी

डायरेक्ट टैक्स कोड बिल या प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक सोमवार को संसद में पेश कर दिया है। लेकिन अपेक्षा के विपरीत इसे अप्रैल 2011 के बजाय अप्रैल 2012 से लागू किया जाएगा। माल व सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की तिथि पहले ही आगे खिसकाने का आधार बन चुका है। इस तरह प्रत्यक्ष व परोक्ष कर से जुड़े दो अहम सुधार साल भर आगे खिसका दिए गए हैं। पहले कहा जा रहा था कि पेश करने केऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी संभवतः अगले हफ्ते बुधवार, 18 अगस्त को माल व सेवा कर (जीएसटी) के लिए तैयार किए जा रहे संविधान संशोधन के नए मसौदे पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति के साथ बैठक करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि संशोधित मसौदे में जीएसटी परिषद का ढांचा बदल दिया जाएगा। पिछले मसौदे को देखने के बाद राज्यों ने आपत्ति जताई दी थी कि इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री को कराधान केऔरऔर भी

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की लिस्टेड कंपनियों को कम से कम 25 फीसदी पब्लिक शेयरधारिता की शर्त से मुक्त कर दिया है। सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से इस बात की पुष्टि कर दी गई। इससे पहले छपी खबरों के मुताबिक हाल ही कोल इंडिया के भावी आईपीओ के सिलसिले में हुई बैठक में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि कम से कम साल 2104 तक सरकारी कंपनी को न्यूनतम 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंगऔरऔर भी

एक तरफ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी बुधवार को लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के सांसदों को समझा रहे थे कि जीएसटी (माल व सेवा कर) के आने से किस तरह पेट्रोलियम पर ज्यादा कराधान से लेकर आम आदमी को परेशान कर रही महंगाई तक की समस्या हल हो जाएगी, वहीं दूसरी तरफ राजधानी में ही राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति ने अपनी बैठक के बाद जीएसटी से जुडे संविधान संशोधन विधेयक के मौजूदा प्रारूप को खारिज करऔरऔर भी

बैंकों में बेस रेट की नई प्रणाली लागू होने में बस दो दिन बचे हैं। रिजर्व बैंक ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि किसानों को बेस रेट से कम ब्याज पर ऋण दिए जा सकते हैं या नहीं। लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज, सोमवार को मुंबई में आयोजित एक समारोह में साफ कर दिया कि किसानों को 5 फीसदी ब्याज पर भी ऋण दिया जा सकता है जो जाहिर तौर पर किसी भीऔरऔर भी

शिरीष खरे यह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें भीऔरऔर भी