असली मायने-मतलब भरोसे का होता है। टेक्निकल एनालिस्ट बाधाएं खड़ी करते हैं क्योंकि इनका काम ही यही है। इंसानों का काम है उनके प्रतिरोध व बाधाओं को तोड़ देना। निफ्टी में 5660 प्रतिरोध का बहुत ही मजबूत स्तर था और किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह स्तर टूट जाएगा और वो भी रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की त्रैमासिक समीक्षा से ठीक पहले, खासकर तब, जब बाजार कमजोरी के साथ गिरकर खुला था। लेकिन दोऔरऔर भी

हमने इसी जगह एक बार नहीं, कई बार कहा था कि चाहे कुछ हो जाए, बाजार 5735 तक जाएगा। यह हो गया। महज दो हफ्तों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) ने 10,000 करोड़ रुपए की खरीद कर डाली। अहम सवाल है कि आगे क्या होगा? क्या यह क्षणिक आवेग है या बाजार नई छलांग की तैयारी में है? मंदी और तेजी के खेमे की राय स्वाभाविक तौर पर अलग-अलग है। कुछ कहते हैं कि यह महज फुलझड़ीऔरऔर भी

शेयर बाजार के बिगड़े माहौल के चलते 15 कंपनियों ने पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी के बावजूद अपने आईपीओ पेश नहीं किए। इन्हें मिली मंजूरी की मीयाद पूरी हो गई और ये कंपनियां पूंजी बाजार में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं। इस साल जनवरी से जून 2011 के बीच 15 आईपीओ से कुल 25,186 करोड़ रुपए जुटाने की योजना थी। लेकिन इनमें से कोई भी आईपीओ बाजार में नहीं आया। बता दें कि सेबी सेऔरऔर भी

एक 15 दिसंबर 2010 का दिन था जब सरकारी कंपनी मॉयल (पूरा पुराना नाम मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड) की लिस्टिंग हुई थी और 375 रुपए पर जारी किया गया उसका शेयर पहले ही दिन 591.05 के शिखर पर जा बैठा था। उस दिन उन तमाम पंटरों के कपड़े उतर गए थे जो लिस्टिंग के पहले अनधिकृत बाजार में इन शेयरों को 200-250 रुपए में बेच रहे थे। और, एक कल 23 जून 2011 का दिन रहा, जबऔरऔर भी

यकीनन, आप भी इस बात से इत्तेफाक करेंगे कि शेयर बाजार से पैसे कमाने का आदर्श तरीका है – सबसे कम भाव पर खरीदो और अधिकतम भाव पर बेचकर निकल जाओ। लेकिन व्यवहार में ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि जब कोई शेयर अपने न्यूनतम स्तर पर होता है तब हमें लगता है कि यह तो डूब रहा है, अभी और नीचे जाएगा। वहीं, जब शेयर बढ़ रहा होता है तब हमें लगता है कि अभी और ऊपरऔरऔर भी

मैंने सुना और अखबारों में पढ़ा भी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों ही छोटी व मध्यम आकार की कंपनियों के लिए जल्दी ही अलग एसएमई एक्सचेंज शुरू करने जा रहे हैं। इस एक्सचेंज को लेकर बहुत सारे ट्रेडर और निवेशक काफी उत्साहित हैं। छोटी कंपनियों के आईपीओ में अमूमन कॉरपोरेट गवर्नेंस का स्तर अच्छा नहीं होता। ऐसे ज्यादातर आईपीओ खुलने से पहले ही बिक जाते हैं। आईपीओ की लिस्टिंग पर भावऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चेयरमैन यू के सिन्हा का कहना है कि शेयर बाजार को सट्टेबाजों का बाजार नहीं समझा जाना चाहिए। लेकिन उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी मात्र आठ फीसदी पर अटकी हुई है, जबकि चीन तक में यह 30 फीसदी के आसपास पहुंच चुकी है। श्री सिन्हा ने मुंबई में वित्तीय समावेश पर स्कॉच द्वारा आयोजित एक सम्मेलनऔरऔर भी

बाजार में सुबह से चर्चा थी कि निफ्टी आज गिरकर 5290 तक चला जाएगा और अगले कुछ दिनों में यह 4800 पर होगा। इसकी वजह यूरोप में ऋण संकट के उभार, ब्याज दरों में वृद्धि, डीजल के दाम बढ़ने के अंदेशे और विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) की चिंता को बताया जा रहा है। लेकिन शाम होते-होते ये सारे कयास गलत साबित हुए। निफ्टी नीचे में 5367.45 तक ही गया। लेकिन फिर 5422.60 तक बढ़ने के बादऔरऔर भी

जैसी कि उम्मीद थी, बाजार ने कल 5420 पर पहुंचने के बाद यू-टर्न लिया और आज 5490 तक चलता चला गया। हालांकि इसके बाद वो गिरना शुरू हो गया क्योंकि मंदड़िए अपना करतब दिखाने लगे। वे निफ्टी को 5432 तक गिरा ले गए। लेकिन बाजार उसके बाद उठा तो उठता ही जा रहा है। 5500 के ऊपर वो पहुंच चुका है। दिक्कत यह है कि इस वक्त ज्यादातर ट्रेडर व निवेशक के मन में यह बात घरऔरऔर भी

बाजार में रोलओवर की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। आज बहुत ज्यादा नहीं, लेकिन ठीक-ठाक उतार-चढ़ाव दिखाई दिया। सेंसेक्स 140.63 अंक इधर-उधर होने के बाद 55.20 अंकों (0.31%) की बढ़त लेकर बंद हुआ तो निफ्टी 41.35 अंक इधर-उधर होने के बाद 7.50 अंक (0.14%) बढ़कर बंद हुआ है। रोलओवर का दौर कल से शुरू हो जाएगा और अगले हफ्ते गुरुवार तक पांच दिन चलेगा। वैसे आपको बता दूं कि रोलओवर का खेल शुद्ध रूप से एफआईआई केऔरऔर भी