15 कंपनियों के आईपीओ चढ़े बिगड़े बाजार की भेंट

शेयर बाजार के बिगड़े माहौल के चलते 15 कंपनियों ने पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी के बावजूद अपने आईपीओ पेश नहीं किए। इन्हें मिली मंजूरी की मीयाद पूरी हो गई और ये कंपनियां पूंजी बाजार में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं। इस साल जनवरी से जून 2011 के बीच 15 आईपीओ से कुल 25,186 करोड़ रुपए जुटाने की योजना थी। लेकिन इनमें से कोई भी आईपीओ बाजार में नहीं आया।

बता दें कि सेबी से मंजूरी मिलने के एक साल के भीतर कोई कंपनी अपना आईपीओ ला सकती है। यह वक्त बीत जाने के बाद उसे आईपीओ के लिए सेबी के पास फिर से अर्जी लगानी पड़ती है। ब्रोकर फर्म एसएमसी ग्लोबल सिक्यूरिटीज के अनुसार जो कंपनियां वक्त रहते आईपीओ नही ला सकीं, उनमें जिंदल पावर (7200 करोड़ रुपए), रिलायंस इंफ्राटेल (5000 करोड़ रुपए), गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (3067 करोड़ रुपए), स्टरलाइट एनर्जी (3000 करोड़ रुपए), लोढ़ा डेवलपर्स (2500 करोड़ रुपए) और नेप्च्यून डेवलपर्स (378 करोड़ रुपए) शामिल हैं।

इनके द्वारा आईपीओ लाने की तारीख जनवरी से जून 2011 के बीच खत्म हुई है। इश्यू न लानेवाली कंपनियों में ज्यादातर बिजली और रीयल एस्टेट क्षेत्र की हैं। एसएमसी ग्लोबल के रिसर्च प्रमुख जगन्नाधम तुनगुंटला का कहना है कि इनके पूंजी बाजार में न आने की प्रमुख वजह यह है कि रीयल एस्टेट को बाजार इस वक्त एकदम भाव नहीं दे रहा है और बिजली क्षेत्र की जिन भी कंपनियों के पब्लिक इश्यू पिछले कुछ सालों में आए हैं, उनमें निवेशकों को मामूली रिटर्न मिला है। उनका कहना है कि 2011 के पहले छह महीनों में शेयर बाजार में एफआईआई के निवेश में आया ठंडापन आईपीओ बाजार पर भी अपना असर दिखा रहा है।

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