ख्बाव नहीं, यहां ज़रूरी है सच देखना
ख्वाब देखना ऐसी विलासिता है जिसे शेयर बाज़ार में बड़े से बड़ा ट्रेडर भी नहीं चला सकता। वो बरबाद हो जाएगा। इसलिए अगर आपके सौदे किसी ख्वाब या गट-फीलिंग पर आधारित हैं तो बेहतर यही होगा कि आप अपना धन शेयरों की जगह योग साधना या अच्छे मनोवैज्ञानिक की सलाह पर खर्च कर दें। वरना, यह गट-फीलिंग आपको एक दिन ले बीतेगी। ट्रेडिंग के लिए सच देखना जरूरी है, ख्वाब नहीं। अब देखते हैं आज का सच…औरऔर भी