आमतौर पर ग्वार की खेती करनेवाले किसान मार्च तक अपनी सारी फसल बाज़ार में उतार देते हैं। लेकिन इस साल उन्होंने खींच-खांच कर करीब डेढ़ महीने और इंतज़ार किया। जैसे ही उनकी फसल खलिहान से निकलकर बाज़ार में पहुंच गई, सरकार ने ग्वार और ग्वार गम की फ्यूचर ट्रेडिंग पर तेरह महीने पहले, मार्च 2012 से लगाया गया बैन उठा लिया। फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) के फैसले के बाद एमसीएक्स और एनसीडीएक्स ने मंगलवार, 14 मई 2013औरऔर भी

देश के 23 जिंस एक्सचेंजो का कारोबार अक्टूबर माह में 54.31 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9.89 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के मुताबिक सर्राफा कारोबार में बढ़ोतरी के कारण एक्सचेंजों के कारोबार में तेजी आई। पिछले साल के इसी माह में जिंस एक्सचेंजों का कारोबार 6.40 लाख करोड़ रुपये रहा था। अक्टूबर माह के दौरान देश के चार प्रमुख एक्सचेंजों में से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) का कारोबार 57.46 फीसदी कीऔरऔर भी

सरकार मानसून की बारिश और चीनी उत्पादन के आकलन के बाद चीनी वायदा पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी। यह बात खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कही है। उन्होंने दो दिन पहले बुधवार को दिल्ली की आजादपुर मंडी में जिसों के भाव का लाइव टिकर शुरू करने के मौके पर यह बात कही है। हालांकि इसके बाद कमोडिटी बाजार के नियामक फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) के चेयरमैन बी सी खटुआ ने कहा हैऔरऔर भी

देश भर की थोक मंडियों में अब तमाम जिसों के हाजिर व वायदा भाव लाइव टिकर पर दिखाए जाएंगे। यह काम कमोडिटी बाजार के नियामक, फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) ने देश के दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों एनसीडीईएक्स व एमसीएक्स के साथ मिलकर शुरू किया है। वित्त वर्ष 2010-11 के अंत तक देश की 1000 मंडियों में यह सुविधा पहुंचा देने का लक्ष्य है। इसकी शुरुआत कल, बुधवार से दिल्ली की आजादपुर मंडी से की जाएगी। इसका उद्घाटनऔरऔर भी

1. कमोडिटी के स्पॉट व फ्यूचर भाव क्या होते हैं? कमोडिटी को हिंदी में जिंस और स्पॉट को हाजिर व फ्यूचर को वायदा कहते हैं। लेकिन हम बोलचाल के कारण इनके लिए अंग्रेजी शब्दों का ही इस्तेमाल करेंगे। स्पॉट भाव तो सीधा-सीधा वह भाव है जिस पर हम नकद देकर कोई जिंस खरीदते हैं। इसमें भी रिटेल और होलसेल भाव अलग होते हैं। फ्यूचर भाव भविष्य की किसी तारीख को उसी जिंस के भाव होते हैं। जैसे,औरऔर भी