जो लोग कर्ज, आग, शत्रु व बीमारी, इन चारों को पूरी तरह खत्म किए बिना चैन से नहीं बैठते, उनको बाद में कभी नहीं रोना पड़ता। लेकिन जो इन्हें लोग पाले रहते हैं, वे ताजिंदगी विलाप ही करते रहते हैं।और भीऔर भी