अपनी सुध 2012-07-09 By: अनिल रघुराज On: July 9, 2012 In: ऋद्धि-सिद्धि इस ज़माने में पैरों से नीचे की ज़मीन इतनी तेज़ी से खिसक रही है कि अपनी सुध खुद नहीं ली तो दूसरे को आपकी परवाह की फुरसत नहीं। न सरकार को जनता की सुध है और न ही संतों को। यहां तो हर किसी को अपनी ज़मीन बचाने की पड़ी है।और भीऔर भी