अभी रिजर्व बैंक द्वारा 3 मई मौद्रिक नीति में ब्याज दरें 0.25 फीसदी से 0..50 फीसदी बढ़ाने की अटकलें चल ही रही हैं कि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपना बेस रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया है। अभी तक यह 8.25 फीसदी था। अब 8.50 फीसदी हो गया। इससे बैंक द्वारा दिए गए होम और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे। एसबीआई ने इसके साथ ही अपने बेंचमार्क प्राइन लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) कोऔरऔर भी

देश की इकलौती लिस्टेड माइक्रो फाइनेंस कंपनी एसकेएस माइक्रोफाइनेंस का शेयर गुरुवार को तीखी गिरावट के साथ 20 फीसदी के निचले सर्किट ब्रेकर तक पहुंच गया। वो 639.45 रुपए की तलहटी बनाने के बाद 640.70 रुपए पर बंद हुआ जो मंगलवार के आखिरी भाव से 19.84 फीसदी नीचे है। यह जबरदस्त गिरावट सबह-सुबह कंपनी की तरफ से जारी बयान के बाद आई कि आंध्र प्रदेश में 15 अक्टूबर को अध्यादेश आने के बाद से 15 नवंबर तकऔरऔर भी

बेस रेट तो लागू हो गया, लेकिन पुराने होम लोन के ब्याज का क्या होगा? नया होम लोन तो बैंक अपने बेस रेट के हिसाब से देंगे। जो ऋण नवीकरण के लिए आएंगे, उन पर भी बेस रेट की नई प्रणाली लागू होगी। जिन बैंकों ने शुरुआती सालों के लिए 8, 8.25 या 8.50 फीसदी ब्याज दर वाली विशेष स्कीमें पेश की थी, उन्हें और उनके ग्राहकों को कोई परेशानी नहीं है। एसबीआई या एचडीएफसी की तरहऔरऔर भी

अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को कायदे से कर्ज मिलता रहे, इसके लिए रिजर्व बैंक 1980 के दशक के आखिर-आखिर तक बैंकों द्वारा दिए जानेवाले उधार की मात्रा से लेकर उसकी ब्याज दर तक पर कसकर नियंत्रण रखता था। 1990 में दशक के शुरुआती सालों में वित्तीय क्षेत्र के सुधारों के तहत वाणिज्यक बैंकों की उधार दरों से नियंत्रण हटाने के लिए तमाम कदम उठाए गए। पहला, अप्रैल 1993 में तय ब्याज दरों पर कितना उधार दिया जानाऔरऔर भी

एचडीएफसी बैंक ने बेस रेट के मामले में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) को भी होड़ देने की ठान ली है। उसने अपना बेस रेट 7.25 फीसदी तय किया है, जबकि एसबीआई ने मंगलवार को घोषित किया था कि इस तिमाही के लिए वह अपना बेस रेट 7.50 फीसदी रखेगा। निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपना बेस रेट एसबीआई के बराबर 7.50 फीसदी रखा है। बेस रेट वहऔरऔर भी

पहली जुलाई से बैंकों में लागू होनेवाले बेस रेट के एलान का सिलसिला मंगलवार से शुरू हो गया। देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने घोषित किया है कि उसका बेस रेट 7.5 फीसदी सालाना होगा। इसका मतलब यह हुआ कि कृषि ऋणों के अलावा एसबीआई कोई भी ऋण 7.5 फीसदी के कम ब्याज पर नहीं देगा। एसबीआई के फैसले के बाद दूसरे सभी बैंक आज और कल में अपने बेस की घोषणा करऔरऔर भी

बैंकों में बेस रेट की नई प्रणाली लागू होने में बस दो दिन बचे हैं। रिजर्व बैंक ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि किसानों को बेस रेट से कम ब्याज पर ऋण दिए जा सकते हैं या नहीं। लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज, सोमवार को मुंबई में आयोजित एक समारोह में साफ कर दिया कि किसानों को 5 फीसदी ब्याज पर भी ऋण दिया जा सकता है जो जाहिर तौर पर किसी भीऔरऔर भी

पहले प्रस्ताव था कि 1 अप्रैल 2010 से बैंकों के सभी तरह के लोन पर बेस रेट की नई पद्धति लागू कर दी जाएगी। लेकिन बैंकों के शीर्ष अधिकारियों से राय-मशविरे के बाद रिजर्व बैक ने इसे अब 1 जुलाई 2010 से लागू करने का फैसला किया है। यह फैसला शुक्रवार को लिया गया। इस नई पद्धति के लागू होने पर अभी तक लागू बीपीएलआर (बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट) पद्धति धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। बीपीएलआर के साथऔरऔर भी