बचत खींचना है तो भरोसा जमाना है
बाजार में 800 अंकों के सुधार का मतलब यह नही है कि अंधेरा खत्म, मुसीबत टल गई। हम जैसे ही यह सोचते हैं कि सब कुछ पटरी पर आ गया है, उससे पहले ही बिकवाली का नया झोंका सब कुछ फिर से पटरा कर देता है। कल मैं एक बिनजेस चैनल पर कार्यक्रम देख रहा था जहां कुछ ज्ञानी लोग एक सर्वेक्षण पर बहस कर रहे थे जिसका निष्कर्ष यह था कि देश के 97 फीसदी लोगऔरऔर भी
