उम्मीद पर दुनिया कायम है और शेयर बाजार भी। किसी कंपनी ने लाख अच्छा किया हो, लेकिन अगर वो बाजार की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी तो उसका शेयर गिर जाता है। नहीं तो क्या वजह है कि टीवीएस मोटर कंपनी का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में साल भर पहले की तुलना में दोगुना हो गया। पहले 20.29 करोड़ रुपए था। अब 105.42 फीसदी बढ़कर 41.68 करोड़ रुपए हो गया। फिर भी शुक्रवार 29 अप्रैल को नतीजोंऔरऔर भी

कोरोमंडल इंटरनेशनल दक्षिण भारत के मुरुगप्पा समूह की कंपनी है। फर्टिलाइजर, स्पेशियलिटी न्यूट्रिएंट व फसल बचाने के उत्पादों के साथ-साथ रिटेल के धंधे में भी है। 2007 में उसने दो रिटेल आउटलेट से शुरुआत की थी। अभी उसके पास आंध्र प्रदेश के ग्रामीण अंचल में 425 से ज्यादा रिटेल स्टोर हैं जहां खाद वगैरह के साथ ही कपड़े-लत्ते व रोजम्रर्रा की तमाम चीजें मिलती हैं। कंपनी फॉस्फेट खाद में देश की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता है। मतलबऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज को कावेरी बेसिन के गहरे समुद्री ब्लॉक में पहले ही कुएं की खुदाई में प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार मिल गया है। कंपनी ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि उसे कावेरी-पलार बेसिन में के ब्लॉक सीवीआईपीआर-डी6 में गैस का प्रचुर भंडार मिला है। यह ब्लॉक लगभग 8600 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। इसे नई एक्प्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (एनईएलपी) के तहत तीसरे दौर की नीलामी में रिलायंस को दिया गया था। कंपनी नेऔरऔर भी

देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भारत में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन इस साल 12 से 14 फीसदी बढ़ाने पर विचार कर रही है। विकसित देशों में यह वृद्धि 2 से 4 फीसदी और उभरते देशों में 2 से 14 फीसदी रह सकती है। यह कहना है कि कंपनी के सीईओ एन चंद्रशेखरन का। गुरुवार को मुंबई में कंपनी के चौथी तिमाही व सालाना नतीजों की घोषणा के बाद चंद्रशेखरन ने मीडियाऔरऔर भी

चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक इंटरनेशनल के बैंक रिसर्च प्रमुख पॉल शुल्टे ने ईटी नाऊ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भारतीय बैंकों के स्टॉक्स दुनिया में सबसे महंगे हैं। भारतीय बैंक औसतन 15 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे है, जबकि इंडोनेशिया के बैंक 13 और चीन के बैंक 9 के पी/ई अनुपात पर। पॉल शुल्टे ने एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई को महंगा बताया और एक्सिस बैंक के बारे में कहा कि जो लोगऔरऔर भी

ईसाब इंडिया ने अपना कामकाज 1987 से शुरू किया। लेकिन इसकी कहानी 1904 में स्वीडन के शहर गोथेनबर्ग से तब शुरू हुई थी जब जहाजों व बॉयलरों पर काम कर रहे एक इंजीनियर ऑस्कर केलबर्ग ने पाया कि वहां रिपेयर के काम की क्वालिटी अच्छी नहीं है। बेहतर टेक्नोलॉजी की तलाश में केलबर्ग ने दुनिया के पहले कवर्ड इलेक्ट्रोड का आविष्कार कर डाला। वहीं से पैदा हुआ ईसाब (Elektriska Svetsnings Aktie Bolaget या ESAB) समूह जो इसऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के अंतिम कायाकल्प की तैयारी है। अप्रैल 2009 में महिंद्रा समूह ने इसे खरीदने के बाद इसका नाम बदल कर महिंद्रा सत्यम कर दिया था और छह से आठ महीने के भीतर बाकायदा इसका विलय टेक महिंद्रा में कर दिया जाएगा। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बाजार के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि 29 सितंबर महिंद्रा सत्यम का निदेशक बोर्ड अपनी बैठक में वित्त वर्ष 2008-09औरऔर भी

जिन भी लोगों को पिछले साल अगस्त में सरकारी कंपनी एनएचपीसी के आईपीओ में शेयर मिले होंगे, वे आज रो रहे होंगे क्योंकि 36 रुपए में मिला वह शेयर कल अपने सबसे निचले स्तर 27.60 रुपए पर पहुंच गया। आखिर 23 फीसदी का नुकसान कोई मामूली नहीं होता! लेकिन अचंभा इस बात का है जिस दिन एनएचपीसी के शेयर की यह दुर्गति हुई है, उसी दिन खबर आई है कि वित्त वर्ष 2009-10 में उसने अब तकऔरऔर भी

देश की सबसे बडी एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर सही ही दावा करती है कि हर तीन में से दो भारतीय उसका कोई न कोई ब्रांड रोजाना इस्तेमाल करते हैं। बाकी एक तिहाई आबादी गरीबी रेखा से नीचे है, नहीं तो वो भी करती। चाय से लेकर सूप, आटे से लेकर पानी, साबुन से लेकर शैंपू, घर की सफाई से लेकर दांतों की सफाई तक… कहां नहीं है हिंदुस्तान लीवर। लेकिन लोगों के दिमागऔरऔर भी