बाज़ार जाने है हकीकत अर्थव्यवस्था की

अर्थव्यवस्था की जो स्थिति अभी है और अगले एकाध साल में जो हो सकती है, यह सारी जानकारी शेयर बाज़ार हर समय जज्ब करके चलता है। इसलिए किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए कि वह अर्थव्यवस्था को जानकर शेयर बाज़ार का सफल निवेशक बन सकता है। हां, इसका उल्टा ज़रूर सही है कि शेयर बाजार प्रचार के शोर को भेदकर अर्थव्यवस्था का सच्चा हाल बयां कर देता है। जैसे, इस समय निफ्टी-50 सूचकांक में शामिल चार कंपनियों – एशियन पेंट्स, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज़, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और नेस्ले इंडिया के शेयर 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर के आसपास डोल रहे हैं। ये चारों आम खपत से जुड़ी उपभोक्ता उत्पाद बना रही बड़ी कंपनियां हैं। इनके शेयरों के गिरे होने का साफ मतलब है कि देश में आम मध्य वर्ग की आमदनी और खपत बराबर दबाव में है। यकीनन, अर्थव्यवस्था का मोटा-मोटी हाल जानना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन शेयर बाज़ार जितना जज्ब कर चुका है, उससे ज्यादा हम नहीं जान सकते। हमें तो हमेशा ऐसी कंपनियां निवेश के लिए चुननी चाहिए जिनके शेयर का दमखम तो ₹100 का है, लेकिन शेयर बाज़ार में उसका भाव ₹70-80 ही चल रहा है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…

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