लोकतंत्र और बाज़ार में सारा खेल नंबरों का है। बड़ी-बड़ी बातें और भावुक फेंकमबाज़ी फालतू है। कांग्रेस भ्रष्ट। बीजेपी भी खिलाड़ी। दोनों को कर्णाटक में लोगों से वोट दिए। लेकिन 37% पाकर कांग्रेस जीत गई, जबकि बीजेपी व उससे छिटके दोनों दल कुल सूत भर कम वोट पाकर हार गए। बाज़ार में भी सूत भर का अंतर चलता है। डिमांड ज्यादा कि सप्लाई? हां, यहां भाव और मूल्य का अंतर भी अहम है। अभी आज का बाज़ार…औरऔर भी

फाइनेंस की दुनिया में चाहे कोई योजना बनानी हो, किसी स्टॉक या बांड का मूल्यांकन करना हो या बकाया होमलोन की मौजूदा स्थिति पता करनी हो, हर गणना और फैसला हमेशा आगे देखकर किया जाता है, पीछे देखकर नहीं। पीछे देखकर तो पोस्टमोर्टम होता है और पोस्टमोर्टम की गई चीजें दफ्नाने के लिए होती हैं, रखने के लिए नहीं। इसलिए बस इतना देखिए कि आपके साथ छल तो नहीं हो रहा है। भरोसे की चीज़ पकड़िए औरऔरऔर भी

मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले तीन साल में 180% बढ़ चुकी हैं। दूसरी तरफ, ताजा खबरों के मुताबिक यहां 80,000 फ्लैट अनबिके पड़े हैं। सप्लाई भी ज्यादा और भाव भी ज्यादा!! ऐसा इसलिए क्योंकि अनबिके फ्लैट 4000-7000 वर्गफुट के हैं जिनकी औसत कीमत 1.4 करोड़ रुपए है। इतने बड़े फ्लैट तो भयंकर अमीर ही ले सकते हैं। अगर यही फ्लैट औसतन 5000 वर्गफुट के बजाय 1000 वर्गफुट के होते तो आज 4 लाख फ्लैट ऐसे होतेऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति के दहाई अंक में पहुंचने के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने माना है कि इसकी मुख्य वजह मांग का बढना नहीं है, बल्कि सप्लाई की कमी है। उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार तेजी की मुख्य वजह खाद्य आपूर्ति की बाधाएं हैं और हमें देखना होगा कि हम इन्हें कैसे दूर सकते हैं। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को विजया बैंक के 81वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद दौरान मुखर्जी नेऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि भारत के लिए मुद्रास्फीति सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर इस साल 6.5 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है। सोमवार को वॉशिंगटन में ‘भारत-अमेरिका आर्थिक व वित्तीय सहयोग’ पर आयोजित सम्मेलन में मुखर्जी ने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कई समस्याएं हैं और सबसे बड़ी चुनौती मुद्रास्फीति है।’’ सम्मेलन का आयोजन सीआईआई ने वॉशिंगटन के शोध संस्थान ब्रुकिंग इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर किया है। भारत-अमेरिकाऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने माना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में तेजी से देश पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में उद्योग संगठन फिक्की की 83वीं सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘‘दुनिया के बाजार में जिंसों की कीमतों से देश में महंगाई पर दबाव पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीयऔरऔर भी

यूं तो मिस्र से भारत का कोई सीधा लेनादेना नहीं है, लेकिन मिस्र में उठे राजनीतिक तूफान ने पहले से हैरान-परेशान हमारे शेयर बाजार की हवा और बिगाड़ दी है। वैसे भी जब बुरा दौर चल रहा हो, तब मामूली-सी बुरी खबर भी बिगड़ी सूरत को बदतर बनाने के लिए काफी होती है। सेंसेक्स आखिरकार आज नीचे में 18,038.48 तक चला गया। हालांकि बाद में सुधरकर 18327.76 पर बंद हुआ। भारतीय बाजार को पसंद करनेवाले किसी भीऔरऔर भी