अपने को जानने-समझने के लिए दूसरे को जानना समझना जरूरी है। दूसरे के प्रति आप कितने संवेदनशील हैं, इसी से आपकी संवेदनशीलता का पता चलता है। वरना, अपने प्रति तो हर कोई संवेदनशील होता है।और भीऔर भी