कल निफ्टी में 4990 और 5030 के आसपास किए गए शॉर्ट सौदे अभी तक काटे नहीं गए हैं। कारण, बहुत से मंदड़िए मानते हैं कि बाजार गिरकर 4700 तक जाएगा क्योंकि कल आ रहे इनफोसिस के नतीजे, हो सकता है कि अच्छे न रहें। ब्याज दरों के बढ़ने से मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को तगड़ी चपत लगी है। वहीं रुपए का कमजोर होना इनफोसिस की भावी संभावनाओं के लिए सुखद है। इनफोसिस ने जिस तरह से रुपए की विनिमयऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और बीपी के बीच हुआ करार बाजार का रुख मोड़ देनेवाला विकासक्रम है। लेकिन ट्रेडर और निवेशक अब भी रिलायंस के कंसेट ऑर्डर पर सेबी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। यह मसला अगर सुलझ गया तो कम से कम रिलायंस में कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर तमाम एफआईआई की धारणा पटरी पर आ सकती है। अब जाकर आखिरकार मैं वित्त मंत्रालय की तरफ से शेयर बाजार को कुछ घरेलू सहयोग या सहारा देनेऔरऔर भी

यूरो जोन में चल रहे संकट के चलते भारतीय रुपया डॉलर के सापेक्ष मंगलवार को करीब आठ महीनों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। यह बंद तो हुआ 47.71/72 रुपए प्रति डॉलर की विनिमय दर पर, लेकिन दिन में एक समय 47.75 तक चला गया था जो 1 नवंबर 2009 का स्तर है। सोमवार को रुपए की विनिमय दर 46.98/99 प्रति डॉलर थी। असल में व्यापारियों के मुताबिक इसकी प्रमुख वजह यह है कि यूरो डॉलर केऔरऔर भी