अब भी हर तरफ शॉर्ट की भरमार

कल निफ्टी में 4990 और 5030 के आसपास किए गए शॉर्ट सौदे अभी तक काटे नहीं गए हैं। कारण, बहुत से मंदड़िए मानते हैं कि बाजार गिरकर 4700 तक जाएगा क्योंकि कल आ रहे इनफोसिस के नतीजे, हो सकता है कि अच्छे न रहें। ब्याज दरों के बढ़ने से मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को तगड़ी चपत लगी है। वहीं रुपए का कमजोर होना इनफोसिस की भावी संभावनाओं के लिए सुखद है। इनफोसिस ने जिस तरह से रुपए की विनिमय दरों को लेकर हेजिंग कर रखी है, उससे संभव है कि सितंबर तिमाही के लाभ पर बहुत ज्यादा फर्क न पड़े, लेकिन अगली तिमाही व पूरे साल के लिए इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

एनालिस्ट मानते हैं कि इनफोसिस के नतीजों पर यूरोप के हालात का नकारात्मक असर नजर आएगा। लेकिन मेरा मानना है कि बेहतर घरेलू मांग और अमेरिका में ज्यादा दक्षता से काम करने के चलते इनफोसिस का लाभार्जन इस बार बेहतर रहेगा। भारतीय मुद्रा में 15 फीसदी का अवमूल्यन नए ऑर्डर पाने के लिए बहुत ही ज्यादा माफिक है क्योंकि विदेशी क्लाएंट भी जानते हैं कि रुपया अगले 6 से 12 महीनों में डॉलर के सापेक्ष फिर से 43 रुपए पर आ सकता है। जो हमें बिजनेस पढ़ाते हैं, वे मूर्ख तो हो नहीं सकते। इनफोसिस में मेरा पहला लक्ष्य 2700 रुपए का है। इसके बाद 3000 रुपए का। नोट कर लें कि हमेशा की तरह इस स्टॉक को अब अपग्रेड करने का क्रम शुरू होनेवाला है।

जहां तक अगस्त के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की बात है तो यह जुलाई में आईआईपी में हुई 3.3 फीसदी की निराशाजनक वृद्धि से कम से कम 60 फीसदी बेहतर रहेगा। बाजार में अब भी शॉर्ट सौदों की भरपार है। इसलिए बाजार की दशा-दिशा क्या होने जा रही है, इसे आप आसानी से समझ सकते हैं।

मैंने एडुकॉम्प सोल्यूशंस को 280 रुपए के लक्ष्य के साथ 213 रुपए पर खरीदने की सलाह ही थी। इसने 280 रुपए का मुकाम आज हासिल कर लिया और ऊपर में 285.20 रुपए तक जाने के बाद 269.25 पर बंद हुआ है। मैंने लार्सन एंड टुब्रो, टाटा मोटर्स, एसबीआई, एसीसी, सेंचुरी, बॉम्बे डाईंग और डीएलएफ को भी खरीदने को कहा था। इनमें से एसबीआई को छोड़कर बाकी सभी शानदार बढ़त दिखा रहे हैं। मुझे पूरा यकीन है कि एसबीआई भी जल्दी ही अपना दमखम दिखा देगा। असल में जितने भी डाउनग्रेड किए जाते हैं, वे सभी स्वार्थ-प्रेरित होते हैं। इसलिए उनका कोई मतलब नहीं है।

आपने देखा ही है कि भारती एयरटेल व आइडिया ने डाउनग्रेड के बावजूद कैसा धमाल दिखाया है। एसबीआई भी फिर से सुपर स्टार बनेगा और जो यह मौका चूक गए, वे एक अच्छी बाजी गंवा बैठेंगे। आइडिया के बारे में मैने आपको 47 रुपए पर बताया कि आप फिरंगियों द्वारा किए गए डाउनग्रेड के चक्कर में न पड़ो और यह 100 रुपए के पार चला गया। इस समय आइडिया से दूर रहें और एसबीआई को खरीदकर एक साल तक होल्ड करें। मैं एक बार फिर आपको दिखा दूंगा कि इन फिरंगियों का खेल क्या है। मेरी यह बात कट-पेस्ट करके रख लें कि एसबीआई दो साल के भीतर 3500 रुपए को पार कर जाएगा। दो साल में 100 फीसदी रिटर्न यकीनन दिल मांगे मोर की चाहत पूरी कर देता है।

अब यह प्रमाणित सत्य है कि आईपीओ में जोड़तोड़ का खेल इस समय चरम पर पहुंचा हुआ है और ऐसा बिना किसी के ‘आशीर्वाद’ के नहीं हो सकता। यह किसका आशीर्वाद है, इसे आपको या मीडिया को पता लगाना है। लेकिन निश्चित रूप से यह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से बड़ा घोटाला है क्योंकि इससे सीधे-सीधे मासूम रिटेल निवेशक प्रभावित हो रहे हैं। मुझे अचंभा तो इस बात का है कि अभी तक रिटेल निवेशकों ने यह मसला सेबी जैसे नियामकों व सरकारी संस्थाओं के सामने उठाया क्यों नहीं है?

बाजार का आज जैसा बर्ताव रहा है, उसे लेकर बहुत चौंकने की जरूरत नहीं है क्योंकि डाउ जोन्स में 324 से ज्यादा अंकों की बढ़त देखकर बहुत सारे ट्रेडर लांग हो गए थे और अब उसकी कीमत चुका रहे हैं। निफ्टी आज खुला 5019.90 पर। जल्दी ही 5045.10 तक चला गया। लेकिन फिर गिरने लगा तो 0.11 फीसदी की कमी के साथ 4974.35 पर। इसी तरह सेंसेक्स भी 0.13 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 16,536.47 पर बंद हुआ।

संपूर्णता तब नहीं हासिल होती, जब कुछ जोड़ने को नहीं होता। संपूर्णता तब हासिल होती है जब कुछ निकालने को नहीं होता।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

1 Comment

  1. Sir,
    Main toh educomp lekar baitha hi reh gaya 🙁
    I have written you on FB also with my query.
    Please suggest, way going forward.

    Regards,
    Shishir

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