देश का निर्यात वित्त वर्ष 2011-12 में भले ही 20.94 फीसदी बढ़कर 303.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया हो। लेकिन साल के आखिरी महीने मार्च 2012 में निर्यात में साल 2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद पहली बार कमी दर्ज की गई है। मार्च में हमारा निर्यात 5.71 फीसदी घटकर 28.68 अरब डॉलर पर आ गया है। दूसरी तरफ मार्च में हमारा आयात 24.28 फीसदी बढ़कर 42.59 अरब डॉलर रहा है। इस तरह मार्च में हुआऔरऔर भी

भारत में मुद्रास्फीति की दर घटकर 7 फीसदी पर आती है। वहीं चीन में मुद्रास्फीति बढ़ने के बावजूद मार्च में 3.6 फीसदी रही है। वह भी भारत में जहां थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति चलन में है, वहीं चीन में मुद्रास्फीति का पैमाना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक है। चीन में मार्च माह में मुद्रास्फीति के इस तरह बढ़कर 3.6 होने जाने से कीमतों पर काबू पाने की सरकार की क्षमता को लेकर चिंता जताई जा रही है।औरऔर भी

रिजर्व बैंक ने अभी तक मार्च 2012 के अंत तक सकल मुद्रास्फीति का अनुमान 7 फीसदी पर यथावत रखा है। लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि तब तक मुद्रास्फीति की दर 6 से 7 फीसदी के बीच रह सकती है। वित्त मंत्री का यह बयान गुरुवार को खाद्य मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों के जारी होने के बाद आया है जिसके मुताबिक 31 दिसंबर 2011 को समाप्त सप्ताह में भी खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने के बजायऔरऔर भी

देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में गिरावट का सिलसिला जारी है। मार्च में लगातार तीसरे माह में इसमें कमी आई है। यूरोप में वित्तीय संकट की वजह से मार्च में एफडीआई साल दर साल आधार पर 11 फीसदी घटकर 1.07 अरब डॉलर रह गया है। पिछले साल इसी अवधि में देश में 1.2 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था। वित्त वर्ष 2010-11 में एफडीआई 25 फीसदी घटकर 19.43 अरब डालर रहा। 2009-10 में देश मेंऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आठवीं बार ब्याज दरें (रेपो व रिवर्स दर) बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऑटो, होम और कॉरपोरेट लोन पर पड़ेगा। लेकिन बैंक फिलहाल इस महीने ब्याज दरों में कोई नई वृद्धि नहीं करने जा रहे हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एम नरेंद्र का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने का तत्काल कोई असरऔरऔर भी

केंद्र सरकार के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) का प्रस्तावित 8000 करोड़ रुपए का एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) मार्च में आएगा। शुक्रवार को दिल्ली में धातु व खनिज पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान इस्पात सचिव पी के मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘वर्तमान स्थिति में सेल का एफपीओ चालू वित्त वर्ष के अंत तक आ सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे देख रहे हैं, लेकिन हमें बाजार की स्थितियोंऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है और 8 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 15.52 फीसदी पर आ गई है। हालांकि सब्जियों विशेषकर प्याज के दाम अभी भी ऊंचे बने हुए हैं। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार दाल, गेहूं व आलू के दाम में कमी की वजह से खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले 1 जनवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 16.91 फीसदी थी,औरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन) अगले हफ्ते 16 दिसंबर को होनेवाली अपनी बोर्ड बैठक में शेयरधारकों को बोनस शेयर देने के साथ-साथ शेयर को विभाजित करने पर विचार करेगी। कंपनी ने यह सूचना मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों को दी है। इसके अलावा कंपनी का निदेशक बोर्ड आगामी एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) से पहले विशेष लाभांश देने पर भी विचार करेगा। कंपनी का प्रस्ताव शेयरधारकों को एक के बदले एक बोनस शेयरऔरऔर भी