धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है कि सब शेयरों को थोक के भाव एक ही तराजू में नहीं तौला जा सकता। उसी तरह जैसे सब धान पाइस पसेरी नहीं तौलते। लांग टर्म या दो से दस साल के लिए अलग, मीडियम टर्म या दो महीने से दो साल तक के लिए अलग, शॉर्ट टर्म या हफ्ते दस दिन से दो महीने तक के लिए अलग और एकाध दिन की ट्रेडिंग के लिए अलग। फंडामेंटल्स के आधार परऔरऔर भी

एक तो इसका नाम ही बड़ा विचित्र है। समझ में नहीं आता कि कैसे उच्चारण करें। एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स। कंपनी के प्रवर्तक अग्रवाल बंधु हैं तो ए शायद वहां से आया होगा। राजेश अग्रवाल प्रबंध निदेशक हैं तो आर वहां से आया होगा, सुबाष अग्रवाल चेयरमैन हैं तो एक एस वहां से आया होगा। सौमेंद्र पटनायक निदेशक (वित्त) हैं और कंपनी से शुरू से जुड़े हैं तो हो सकता है दूसरा एस वहां से आ गया हो।औरऔर भी

ग्लास के बरतनों में बोरोसिल का ब्रांड इतना बड़ा व स्थापित है कि उसके नाम से नकली माल तक बनता है। प्रयोगशालाओं से लेकर माइक्रोवेब तक के लिए बोरोसिल का ग्लास सबसे मुफीद माना जाता है। इसे बनाने वाली कंपनी बोरोसिल ग्लास वर्क्स का गठन 1962 में अमेरिकी कंपनी कॉर्निंग ग्लास के साथ मिलकर किया गया। बाद में अमेरिकी कंपनी अपनी हिस्सेदारी भारतीय प्रवर्तकों – गुजरात के खेरुका परिवार को बेचकर निकल गई। ब्रांड को देखकर आपकोऔरऔर भी

बाजार को मनचाहे अंदाज में नचानेवालों के लिए आज से बेहतर कोई दूसरा दिन हो नहीं सकता था। ब्याज दर में ज्यादा से ज्यादा 0.25 फीसदी वृद्धि की अपेक्षा थी। लेकिन असल में यह निकली 0.50 फीसदी। इसे रोलओवर के पहले बाजार को तगड़ा झटका देने के इस्तेमाल किया गया। हालांकि बाजार ने पिछले दो हफ्तों में हासिल सारी बढ़त एक झटके में खो दी है। लेकिन निश्चित तौर पर बाजार की अंतर्धारा नहीं बदली है। केवलऔरऔर भी

नौकरी हासिल करने के लिए संभावित नियोक्ताओं को अब पहले से ज्यादा लोग गलत जानकारियां दे रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 की पहली तिमाही में इस तरह के मामलों में इजाफा हुआ है। नोट करने की बात है कि मुंबई, मेरठ और कानपुर उन शीर्ष तीन शहरों में हैं, जहां उम्मीदवारों द्वारा अपनी शिक्षा के बारे में सबसे ज्यादा गलत जानकारियां दी गईं। दुनिया के पैमाने पर इस तरह के जोखिम परऔरऔर भी

हम कोई सामान खरीदने जाते हैं, पूरी तहकीकात करते हैं। कई दुकानों पर पूछते हैं। रिश्तेदारों व पड़ोसियों तक से पूछ डालते हैं। लेकिन शेयरों में निवेश हम झोंक में करते हैं। टिप्स की तलाश में लगे रहते हैं। हमारी इसी मानसिकता का फायदा उठाने के लिए इन दिनों तमाम वेबसाइटों से लेकर एसएमएस तक से टिप्स भेजे जाने लगे हैं। इधर फंडामेंटल्स मजबूती की बात उठने लगी तो कुछ एसएमएस फंडामेंटल बताकर ही निवेश की सलाहऔरऔर भी

चुनाव गरज-बरस कर चले गए। कंपनियों के नतीजों का मौसम भी बीत चला। अब सारे बाजार की निगाहें मानसून की घटाओं पर लग गई हैं। मौसम विभाग की मानें तो दक्षिणी-पश्चिमी मानसून 31 मई को केरल के तट पर समय से एक दिन पहले दस्तक दे देगा। अभी तक का अनुमान यही है कि मानसून अच्छा रहेगा। मानसून के अच्छे रहने से कृषि उत्पादन अच्छा रहेगा। इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के विकास को मदद मिलेगी। लेकिनऔरऔर भी

वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक के गवर्नर दो ऐसी शख्सियतें हैं जिनका एक-एक बयान शेयर बाजार को प्रभावित कर सकता है। सावधानी हटी दुर्घटना घटी। जरा-सा गलत बयान दे दिया तो बाजार में पलीता लग सकता है। लेकिन पहले पी चिदंबरम और अब प्रणव मुखर्जी कह चुके हैं कि उन्हें बाजार का उठना-गिरना नहीं समझ में आता। पिछले हफ्ते 3 मई को करीब सवा तीन बजे शाम सालाना मौद्रिक नीति पेश किए जाने के बाद रिजर्व बैंकऔरऔर भी

जीवन की यात्रा और उसमें हर मोड़ पर सीखना एक अटूट श्रृंखला है। हम नहीं रहते तो हमारे बाल-बच्चे इसे आगे बढ़ाते हैं। कड़ी कभी कहीं टूटती। जब तक यह सृष्टि है, तब तक यह टूटेगी भी नहीं। लेकिन अगर अगली यात्रा तक पिछली यात्रा के सबक याद न रखे जाएं तो अंत में हम खाली हाथ रह जाते हैं। बर्तन के पेंदे में छेद हो तो उसमें डाला गया सारा तरल निकलता जाता है। इसलिए मित्रों!औरऔर भी

निवेश एक कला है और विज्ञान भी। कला अनुशासन से निखरती है और विज्ञान अध्ययन से आता है। इसे साबित कर दिखाया है आईआईएम लखनऊ के छात्रों ने। 2009-11 के बैच के छात्रों के स्वैच्छिक सहयोग से बनाए गए फंड क्रेडेंस कैपिटल ने इक्विटी शेयरों में निवेश पर 17.96 फीसदी और डेरिवेटिव सौदों पर 25.84 फीसदी रिटर्न हासिल किया है, जबकि इसी दौरान निफ्टी में 5.56 फीसदी की ही बढ़त दर्ज की गई। निवेश की अवधि जुलाईऔरऔर भी