नौकरी हासिल करने के लिए संभावित नियोक्ताओं को अब पहले से ज्यादा लोग गलत जानकारियां दे रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 की पहली तिमाही में इस तरह के मामलों में इजाफा हुआ है। नोट करने की बात है कि मुंबई, मेरठ और कानपुर उन शीर्ष तीन शहरों में हैं, जहां उम्मीदवारों द्वारा अपनी शिक्षा के बारे में सबसे ज्यादा गलत जानकारियां दी गईं।
दुनिया के पैमाने पर इस तरह के जोखिम पर नजर रखनेवाली कंपनी फर्स्ट एडवांटेज कॉरपोरेशन द्वारा जनवरी से मार्च में नौकरी से पहले की जांच में यह तथ्य सामने आया है। फर्स्ट एडवांटेज के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय) वेन तोलेमाश ने एक बयान में कहा, ‘‘2011 की पहली तिमाही में की गई जांच में विसंगति की दर बढ़कर 10.9 फीसदी पर पहुंच गई है, जो इससे पिछली तिमाही में 10.2 फीसदी थी।’’
यहां विसंगति से तात्पर्य उम्मीदवारों द्वारा दी गई जानकारी और फर्स्ट एडवांटेज द्वारा उनके बारे में जुटाई गई सूचनाओं के अंतर से है। बयान में कहा गया है कि शिक्षा, ट्रैवल, हॉस्पिटलिटी और रीयल एस्टेट क्षेत्रों में इस तरह की गड़बड़ी सबसे ज्यादा सामने आई हैं।