नए ज़माने की राह
2012-07-02
हर ज़माने में धन और शोहरत कमाने के रास्ते अलग होते हैं। जो इन रास्तों को छोड़कर चलते हैं, उन्हें शुरुआत में बहुत ही कठिन-कठोर परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन अंततः कामयाब हो गए तो उनकी राह नए ज़माने की राह बन जाती है।और भीऔर भी
दृश्य अदृश्य
2010-09-18
पहले सड़क ही बनती थी। अब स्काई-ओवर भी बनते हैं। पहले जमीन से मिलती थी सुरक्षा। अब अंतर-संबंधों का मकड़जाल सुरक्षा देता है। पहले सब कुछ मूर्त था। अब बहुत कुछ अमूर्त है। वाकई बदल गया है जमाना।और भीऔर भी