प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कं‍पनी अधिनियम, 2013 में कुछ संशोधन करने के लिए कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2014 को संसद में पेश करने को मंजूरी दे दी गई। सरकार ने इसका मकसद देश में बिजनेस करने की प्रक्रिया को आसान बताना बताया है। मालूम हो कि विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिजनेस करने की आसानी के बारे में दुनिया के 189 देशों में भारत की रैंकिंग सालऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में सात फीसदी की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने हिंदू विवाह कानून में बदलाव को भी मंजूरी दे दी गई। अब तलाक होने पर पत्नी को पति की संपत्ति में हिस्सेदारी मिलेगी, हालांकि हिस्सेदारी की राशि अदालत तय करेगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन से 58 सेऔरऔर भी

सरकार ने मंगलवार को सिंगल ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 51 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन जिन भी विदेशी दुकानों में 51 फीसदी से ज्यादा एफडीआई की जाएगी, उन्हें अपने बेचे जानेवाले माल के कुल मूल्य का कम से कम 30 फीसदी हिस्सा छोटे उद्योगों, ग्रामीण व कुटीर उद्योगों, दस्तकारों व शिल्पकारों से खरीदना होगा। वाणिज्‍य व उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभागऔरऔर भी

देश में सोने के जेवरों की हॉलमार्किंग जल्दी ही अनिवार्य कर दी जाएगी। फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कानून में इसके लिए जरूरी संशोधन को मंजूरी दे दी। अब यह संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद कानून बन जाएगा। सरकार के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, इस काम में कम से कम सात से आठ महीने लग सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इससे सबसे बड़ी बात यह होगी कि देश भरऔरऔर भी

लोकपाल विधेयक पर सरकार अण्णा हज़ारे के आक्रामक तेवर के आगे नरम पड़ती दिख रही है। एक तरफ मुंबई के बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में हज़ारे को 27 दिसंबर से 15 दिनों तक अनशन करने की सरकारी अनुमति मिल गई है। वहीं, इसकी नौबत न ही आए, इसके लिए कल, मंगलवार दोपहर दो बजे विधेयक को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के मुताबिक विधेयक काऔरऔर भी

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कुल मिलाकर 2126 करोड़ रुपए मूल्य के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 18 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। जिन कंपनियों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है उनमें डिश टीवी व एमसीएक्स शामिल है, जबकि यूनिटेक वायरलेस के आवेदन को कैबिनेट के पास विचार के लिए भेज दिया गया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की सिफारिशों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। इसकेऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में भारत का कोटा बढ़ गया है। कोटे में वृद्धि का फैसला इस बाबत आईएमएफ की 14वीं आम समीक्षा में किया गया था। इसे मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैंठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। 14वीं आम समीक्षा के फैसलों के प्रभावी होने के बाद आईएमएफ के सदस्‍य देशों के बीच मौजूदा वैश्विक हकीकत का बेहतर प्रतिबिंब दिखेगी करेगा। सभी ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत व चीन) अबऔरऔर भी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ब्याज दर में एक फीसदी सहायता देने के लिए हाउसिंग लोन की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी है। साथ ही यह सुविधा 25 लाख रुपए तक के मकान पर मिलेगी। निम्न मध्य वर्ग के लोगों को घर मुहैया कराने के लिए सरकार ने यह स्कीम सितंबर 2009 में शुरू की थी। मंगलवार को कैबिनेट ने मकान की कीमत और हाउसिंग लोन की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अभी तकऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की उन सभी कंपनियों को विदेश में कच्चे माल के स्रोत खरीदने की इजाजत दे दी है, जिन्होंने कम से कम पिछले तीन सालो में मुनाफा कमाया हो। अभी तक सरकारी कंपनियां विदेश से कच्चा माल तो खरीद सकती थीं, लेकिन कच्चा माल बनानेवाली कंपनियों को नहीं खरीद सकती थीं, जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियों पर ऐसी कोई बंदिश नहीं है। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कीऔरऔर भी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दृष्टिकोण पत्र को मंजूरी दे दी। इसमें अगले साल मार्च से शुरू हो रहे पांच वित्तीय वर्षों के दौरान सालाना 9 फीसदी की आर्थिक वृद्धि हासिल करने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी चल रही 11वीं पंचवर्षीय योजना में सालाना औसत आर्थिक वृद्धि 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने संवाददाताओं से कहा, “मंत्रिमंडल ने दृष्टिकोण पत्रऔरऔर भी