केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ब्याज दर में एक फीसदी सहायता देने के लिए हाउसिंग लोन की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी है। साथ ही यह सुविधा 25 लाख रुपए तक के मकान पर मिलेगी। निम्न मध्य वर्ग के लोगों को घर मुहैया कराने के लिए सरकार ने यह स्कीम सितंबर 2009 में शुरू की थी। मंगलवार को कैबिनेट ने मकान की कीमत और हाउसिंग लोन की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
अभी तक 20 लाख रुपए तक के मकान पर लिए गए 10 लाख रुपए तक के ऋण पर सरकार एक फीसदी ब्याज का बोझ खुद उठाती रही है। वह सीधे यह रकम बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को दे देती है। लेकिन अहब मकान की कीमत और ऋण, दोनों की सीमा बढ़ा दी गई है।
इसके लिए राष्ट्रीय आवास बैंक को नोडल एजेंसी बनाकर व्यावसायिक बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से लागू करवाने को कहा गया है। इस योजना को लागू करने के लिए वित्त वर्ष 2011-12 में 500 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। सरकार का मानना है कि इस योजना के तहत मिलने वाली ब्याज दर रियायत से ऋण की अतिरिक्त मांग पैदा होती है और निम्न व मध्यम आय वर्ग में आवास खरीदने की क्षमता बढ़ती है।
कैबिनेट ने एक अन्य फैसले के तहत राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में अगले दो साल में और 3000 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी डालने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। इससे नाबार्ड को बाजार से अधिक संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। इसमें से नाबार्ड को 1000 करोड़ रुपए इस साल और 2000 रुपए अगले साल 2012-13 में मिलेंगे।