शेयर बाजार की हालत तो अभी ऐसी ही लगती है जैसे वहां कोई तेजड़िया बचा ही न हो। कल और आज सुबह तक पूरी दुनिया के बाजारों की हालत बुरी रही। लेकिन भारत में हालत दुरुस्त थी और निफ्टी में कल के निचले स्तर के आसपास 4820 समर्थन मिल रहा था। बहुत से इंट्रा-डे ट्रेडर बढ़त के अंदेशे में लांग हो गए क्योंकि उनके टेक्निकल संकेतक बाजार के 4930 तक जाने का इशारा कर रहे थे। यकीननऔरऔर भी

यहां तक कि अमेरिकी बाजार भी करीब 330 अंक उठने के बाद अंत में 147 अंकों की बढ़त लेकर बंद हुआ। लेकिन अपना शेयर बाजार सपाट खुला और मुनाफावसूली के चलते गिरता चला गया। या, इसे आप रोलओवर का असर भी मान सकते हैं। निफ्टी 0.51 फीसदी की गिरावट के साथ 4945.90 पर बंद हुआ, जबकि 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 16,446.02 पर। यूं तो निफ्टी के 4860 तक गिरने के आसार अब भी बने हुएऔरऔर भी

अरविंद कुमार आज बहुत खुश होंगे क्योंकि उन्होंने एसबीआई के शेयर 1890 रुपए के भाव से खरीद रखे है, जबकि कल ही यह 2.8 फीसदी बढ़कर 2005.90 रुपए तक चला गया। सेंसेक्स से लेकर निफ्टी तक में शामिल इस स्टॉक में डेरिवेटिव सौदों भी जमकर होते हैं। कल इसके सितंबर फ्यूचर्स के भाव 2000.50 रुपए पर पहुंच गए। हालांकि अक्टूबर फ्यूचर्स का भाव 1999.25 रुपए और नवंबर फ्यूचर्स का 2004.65 रुपए चल रहा है। शेयर का हालऔरऔर भी

कल बाजार ने ज्यादा गिरावट को संभाल लिया और आज सुबह से बढ़ना शुरू हुआ तो लगातार बढ़ता ही गया। आज निफ्टी 2.81 फीसदी बढ़कर 4971.25 और सेंसेक्स 2.95 फीसदी बढ़कर 16,524.03 पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार के इस बर्ताव में जबरदस्त अचंभे का तत्व है जिसे देखने-समझने की जरूरत है। मैं आपको बताता रहा हूं कि अभी के दौर में बाजार का आगे बढ़ना बेहद मुश्किल है क्योंकि दुनिया के बाजारों के साथ ही भारतीयऔरऔर भी

मुंबई की एक विशेष अदालत ने 1992 के प्रतिभूति घोटाले के मुख्य दोषी हर्षद मेहता की जब्त संपत्ति से 650 करोड़ रुपए और निकालकर बैंकों व आयकर विभाग को देने की इजाजत दे दी है। अब वित्त मंत्रालय की तरफ से नियुक्त कस्टोडियन इस रकम को जारी कर सकेंगे। मंगलवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश जस्टिस डी के देशमुख ने फैसला सुनाया कि इस 650 करोड़ रुपए में से 345.76 करोड़ रुपए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और 259.65औरऔर भी

अमेरिकी बाजार कल गिरे तो सही, लेकिन आखिरी 90 मिनट की ट्रेडिंग में फिर सुधर गए। अमेरिकी बाजार में ट्रेड करनेवाले कुछ फंडों का कहना है कि इस गिरावट की वजह यूरो संकट थी, न कि यह शिकायत कि 447 अरब डॉलर का पैकेज रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए काफी नहीं है। यह पैकेज तो अभी तक महज घोषणा है और इसका असर वास्तविक खर्च के बाद ही महसूस किया जा सकता है। इसऔरऔर भी

मंदड़ियों के खेमे व सोच में कुछ ऐसी तब्दीलियां हुई हैं जिनके चलते 5000 को अब समर्थन का मजबूत स्तर मान लिया है। यानी, माना जा रहा है कि निफ्टी के अब इससे नीचे जाने की गुंजाइश बेहद कम है। फिर भी अगर मंदड़िए और एफआईआई मिलकर तगड़ी बिकवाली का नया दौर शुरू करते हैं तो बाजार 5000 पर भी नहीं रुकेगा और सीधे टूटकर 4700 तक चला जाएगा। ऐसा होगा या नहीं, यह तो हमें केवलऔरऔर भी

हमारे शेयर बाजार पर लगता है कि धमाकों का कोई असर ही नहीं होता। दिल्ली हाईकोर्ट के सामने सुबह करीब 10.15 बजे बम फटा। लेकिन निफ्टी 11 बजे के बाद निर्णायक रूप से 5100 के पार चला गया। बाजार में भारी मात्रा में शॉर्ट सौदे हुए पड़े हैं। गिरावट की आशंका और आनेवाली कुछ नकारात्मक घटनाएं शॉर्ट सेलिंग करनेवालों को अपनी पोजिशन काटने से रोक रही हैं। हालांकि रिटेल निवेशक इससे बेअसर हैं क्योंकि डेरिवेटिव सेगमेंट मेंऔरऔर भी

बाजार ने कल साबित करने की कोशिश की कि अमेरिकी बाजार से हमारा कोई वास्ता नहीं रह गया है, जबकि ग्लोबल होती जा रही दुनिया का सच यह नहीं है। दरअसल बाजार के महारथियों ने कुछ एफआईआई की मदद से चुनिंदा स्टॉक्स को खरीदकर बनावटी माहौल बनाने की कोशिश की थी। खैर, कल जो हुआ, सो हुआ। आज दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद बाजार ने बढ़त पकड़ ली तो कारोबार के अंत तक सेंसेक्स 0.89% बढ़करऔरऔर भी

जैसी हमें उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। निफ्टी 3.62 फीसदी बढ़कर 4919.60 और सेंसेक्स 3.58 फीसदी बढ़कर 16.416.33 पर पहुंच गया। बाजार के इस मुकाम पर हम निफ्टी में 5240 तक खरीद या लांग रहने का नजरिया रखते हैं। वहां पहुंचने के बाद हम चारों तरफ घट रही घटनाओं के आधार पर देखेंगे कि यह किसी मुर्दे में अचानक जान आ जाने का मामला है या रैली की शुरुआत हो चुकी है। 4100, 4200, 4300 व 4400औरऔर भी