मुंबई की एक विशेष अदालत ने 1992 के प्रतिभूति घोटाले के मुख्य दोषी हर्षद मेहता की जब्त संपत्ति से 650 करोड़ रुपए और निकालकर बैंकों व आयकर विभाग को देने की इजाजत दे दी है। अब वित्त मंत्रालय की तरफ से नियुक्त कस्टोडियन इस रकम को जारी कर सकेंगे।
मंगलवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश जस्टिस डी के देशमुख ने फैसला सुनाया कि इस 650 करोड़ रुपए में से 345.76 करोड़ रुपए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और 259.65 करोड़ रुपए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को दिए जाएंगे। बाकी बची रकम में से 28.34 करोड़ रुपए आयकर विभाग और 16.25 करोड़ रुपए एसबीआई कैप्स को मिलेंगे। 650 करोड़ रुपए की यह रकम दिवंगत हर्षद मेहता के जब्त खातों में पड़े हुए हैं।
इन सभी को यह भुगतान अंतरिम आधार पर जारी किया जाएगा। इसके लिए इनको लिखकर देना होगा कि अगर विशेष अदालत आदेश देगी तो यह राशि कस्टोडियन को लौटा दी जाएगी। स्टेंडर्ड चार्टर्ड बैंक के मामले में अदालत ने बैंक से एक शपथ पत्र के साथ बोर्ड का एक प्रस्ताव पत्र कस्टोडियन को सौंपने का आदेश दिया है जो अंतिम जांच और आदेश के लिए अदालत के सामने रखा जाएगा।
कस्टोडियन को अदालत की अंतिम स्वीकृति के बाद ही स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को यह राशि जारी करने का निर्देश दिया गया है। हर्षद मेहता समूह कंपनी के बकायों के संबंध में जारी की जाने वाली यह दूसरी राशि है। इससे पहले इसी साल मार्च में वर्तमान कस्टोडियन सतीश लूंबा ने 2200 करोड़ रूपये की राशि जारी की थी, जिसमें स आयकर विभाग को 2000 करोड़ रूपए दिए गए थे और शेष 200 करोड़ रुपए का भुगतान एसबीआई को किया गया था।