साल 2010 पब्लिक इश्यू से जुटाई गई राशि के मामले में भारतीय कॉरपोरेट जगत में नया इतिहास बनाकर विदा हो रहा है। लेकिन नया साल 2011 इसको भी मात देने को तैयार दिख रहा है। कैलेंडर वर्ष 2010 में भारतीय कॉरपोरेट जगत ने पब्लिक इश्यू के जरिए 59,523 करोड़ रुपए जुटाए हैं। लेकिन कैलेंडर वर्ष 2011 में अगर सेबी के पास दाखिल निजी कंपनियों के प्रॉस्पेक्टस और सरकारी कंपनियों के विनिवेश को आधार बनाएं तो पब्लिक इश्यूऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन) अगले हफ्ते 16 दिसंबर को होनेवाली अपनी बोर्ड बैठक में शेयरधारकों को बोनस शेयर देने के साथ-साथ शेयर को विभाजित करने पर विचार करेगी। कंपनी ने यह सूचना मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों को दी है। इसके अलावा कंपनी का निदेशक बोर्ड आगामी एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) से पहले विशेष लाभांश देने पर भी विचार करेगा। कंपनी का प्रस्ताव शेयरधारकों को एक के बदले एक बोनस शेयरऔरऔर भी

सरकारी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) का एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) 30 नवंबर को आएगा। इश्यू क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बिडर्स या क्यूआईबी के लिए 2 दिसंबर और आम निवेशकों के लिए 3 दिसंबर तक खुला रहेगा। कंपनी ने बीएसई में दाखिल सूचना में यह जानकारी दी है। कंपनी ने इस एफपीओ के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस सेबी और कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय के पास जमा करा दिया। वह इस इश्यू से करीब 1450 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।औरऔर भी

पावर ग्रिड का पब्लिक इश्यू (एफपीओ) पूरा हो गया और बाजार एक बार फिर करेक्शन के मोड में चला गया। ऐसा लगा जैसे बाजार के लिए और कोई ट्रिगर ही नहीं था और वह बस पावर ग्रिड के इश्यू के बीतने का इंतजार कर रहा था। लेकिन ऐसा है नहीं। बहुत सारे ट्रिगर हैं जिनके आधार पर बाजार की नए सिरे से रेटिंग होती रहेगी। अभी तो चूंकि निफ्टी 6357 को पार नहीं कर पा रहा हैऔरऔर भी

अगर साल 2003 से पूंजी बाजार में उतरी सार्वजनिक क्षेत्र की 28 कंपनियों के आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक ऑफर) के इतिहास को आधार मानें तो कोल इंडिया और सेल के आगामी पब्लिक इश्यू बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इन 28 कंपनियों में से 94 फीसदी के आईपीओ इश्यू मूल्य से कम से कम 10 फीसदी बढ़त के साथ बाजार में सूचीबद्ध हुए हैं। प्रमुख ब्रोकरेज व निवेश बैंकिंग फर्म एनाम सिक्यूरिटीज ने तमाम आंकड़े जुटाकर यह हकीकत उजागरऔरऔर भी

इंडियन ऑयल (बीएसई कोड – 530965, एनएसई कोड – IOC) का नाम ही काफी है। लेकिन जानते हैं इसकी सालाना आय कितनी है? 2,69,136 करोड़ रुपए। जिसे हम बार-बार देश की सबसे बड़ी कंपनी कहते हैं, उस रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आय है 1,92,461 करोड़ रुपए। हां, बाजार पूंजीकरण में वह जरूर नंबर-वन है क्योंकि उसके शेयर के मूल्य व कुल जारी शेयरों की संख्या का गुणनफल 3,30,230 करोड़ रुपए है, जबकि इंडियन ऑयल का बाजार पूंजीकरणऔरऔर भी

laxmi and begum

आपने भी देखा होगा। मैंने भी देखा है। सड़क के किनारे, गली के नुक्कड़ पर, बस अड्डों के पास, ट्रेन के डिब्बों में कभी-कभी एक आदमी नीचे बैठा ताश के छह पत्तों को उल्टी तरफ से दो-दो की जोडियों में खटाखट तीन सेट में रखता जाता है। आसपास कम से कम तीन लोग खड़े रहते हैं जो उसे घेरकर दांव लगाते हैं। दांव यह होता है कि जिसके बताए पत्ते के पलटने पर बेगम निकलेगी, उसके सौऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पब्लिक इश्यू (आईपीओ व एफपीओ) में रिटेल निवेशकों की निवेश सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने की पेशकश की है। मजे की बात है कि इसके लिए उसने मुद्रास्फीति के बढ़ने का तर्क दिया है, जबकि शेयर के इश्यू मूल्य का कोई सीधा रिश्ता मुद्रास्फीति से नहीं होता। उसने इस बारे में एक बहस पत्र पेश किया है जिसमें सभी संबंधितऔरऔर भी

सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी मिल गई है। यह एफपीओ कंपनी चालू वित्त वर्ष 2010-11 में ही लाएगी। इसके तहत वह 10 फीसदी नए शेयर जारी करेगी, जबकि सरकारी हिस्सेदारी से 10 फीसदी पुराने शेयर बेचे जाएंगे। कंपनी का आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) सितंबर-अक्टूबर 2007 में 52 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर आया था। इस समय उसका शेयर 101.45 रुपए चल रहा हैऔरऔर भी

सरकार की कथनी, करनी और सोच में भारी अंतर है। एक तरफ वह पूंजी बाजार को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहती है, दूसरी तरफ पब्लिक इश्यू में उसने रिटेल (एक लाख रुपए से कम निवेश करनेवाले) निवेशकों की संख्या महज 35 फीसदी तक सीमित कर दी है, जबकि पहले क्यूआईबी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल खरीदार) जैसे बड़े निवेशक नहीं थे और पूरे के पूरे इश्यू पब्लिक के लिए ही थे। यह कहना है पूंजी बाजार से जुड़ीऔरऔर भी