मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने स्पीक एशिया ऑनलाइन के भारत स्थित मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) तारक बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया है और वे फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं। तारक बाजपेयी को शुक्रवार को भोर होने से पहले रात में दो बजे मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में गिरफ्तार किया गया। उसके बाद उन्हें मुंबई ले लाया गया। बाजपेयी के अलावा कंपनी के तीन वेंडरों या एजेंटों को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद बाजपेयी ने कहा, “पुलिस मुझे छोटी-मोटी जांच के लिए ले जा रही है। कंपनी का प्रबंधन स्पीक एशिया से जुड़े सभी लोगों की मदद के लिए डटा हुआ है। सभी (सरकार के) विभागों में हमें क्लीनचिट दे दी है और यह भी छोटी-सी जांच है। किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए मेरे पास हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर है।“ वैसे, भारत में बाजपेयी दूसरे स्तर के अधिकारी हैं। स्पीक एशिया में यहां सबसे ऊपर उसके सीईओ मनोज कुमार हैं।
बता दें कि स्पीक एशिया ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में गठित मूलतः सिंगापुर की कंपनी है। इसका संचालन हरेन वेंचर्स नाम की कंपनी करती है जिसकी कर्ताधर्ता भारतीय मूल की महिला हरेंदर कौर हैं। स्पीक एशिया सर्वे के नाम पर पिछले साल मई से लेकर अब तक भारत के 19 लाख लोगों को जोड़ चुकी है जिनसे उसने 12 महीने के 11,000 रुपए या छह महीने के 6000 रुपए बतौर डिपॉजिट लिए थे। इसे वह बाद में अपनी ई-पत्रिका सर्वेज टुडे की सब्सक्रिप्शन राशि बताने लगी।
मोटा अनुमान है कि वह भारत से 800 करोड़ रुपए सिंगापुर ले जा चुकी है, जबकि भारत में कई एजेंसियों की सक्रियता और सिंगापुर में उसके बैंक खाते फ्रीज होने की वजह से भारतीय बैंकों में उसके 200 करोड़ रुपए बचे रह गए हैं जिसको वह फिलहाल निकाल नहीं पा रही है। यह भी दिलचस्प बात है कि हल्ला मचने के बाद स्पीक एशिया खुद को एमवे की तरह उत्पाद बेचनेवाली मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी के रूप में पेश करने लगी है।
अभी तक स्पीक एशिया का भारत में कोई स्थाई ठिकाना नहीं है। इसलिए किसी भी सरकारी निकाय को उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कानूनी अड़चन आ रही थी। लेकिन लोगों के दबाव के बाद कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने उसके खिलाफ कंपनी एक्ट 1956 के सेक्शन 591 के तहत जांच शुरू कर दी है। साथ ही उसके खिलाफ कई एफआईआर और जनहित याचिकाओं भी दर्ज कराई जा चुकी हैं। आरोप है कि उसने सर्वे के नाम मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) फ्रॉड किया है। कई महीने पहले बांग्लादेश में भी स्पीक एशिया के दो वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।