ले डूबेगी उन्हें शॉर्ट सेलिंग की लत

मैं यह कॉलम दशहरे की छुट्टी के दिन भी लिख रहा हूं तो इसकी दो वजहें हैं। एक तो यह कि मैं आपको दशहरे और आनेवाले त्योहारों की शुभकामनाएं देना चाहता हूं। दूसरा यह कि आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भले ही पूरा बाजार बेचने पर उतारू हो, मैं अब भी खरीद के पक्ष में मुस्तैदी से डटा हूं और मेरी रणनीति बदस्तूर हर गिरावट पर खरीदने की है।

मैं अब भी मानता हूं कि बहुत ही ज्यादा ओवरसोल्ड अवस्था के कारण बाजार कभी भी उठ सकता है। यकीनन, अपने मंसूबे में अंधे मंदड़िए बाजार को 4700 के आसपास तोड़कर अफरातफरी मचाने की कोशिश करेंगे। लेकिन मुझे लगता है कि इन स्तरों पर बाजार में अच्छी-खासी खरीद भी आएगी।

कृपया उन तमाम एफआईआई व मंदड़ियों की बातों में न आइए जो कह रहे हैं कि बाजार अभी 10 फीसदी और गिरने जा रहा है क्योंकि वे आपको गुमराह कर रहे हैं। हकीकत है कि वे खुद बाजार से इस समय खरीद कर रहे हैं। वे कह कुछ रहे हैं और कर कुछ दूसरा ही रहे हैं। एकमात्र समुदाय जो उनके बहकावे में आ रहा है, वह है मंदड़ियों व ट्रेडरों का वह तबका जो शॉर्ट सेलिंग से कमाई की लत का शिकार हो चुका है।

याद कीजिए कि अप्रैल 2009 में केवल आपका यह चक्री ही था जिसने तेजी की धारणा अपना रखी थी और कहे जा रहा था कि सेंसेक्स को 14,300 तक जाना है। यह लक्ष्य मात्र 45 दिनों में हासिल हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बाजार तब बहुत ज्यादा ओवरसोल्ड अवस्था में पहुंच चुका था। आज तो दरअसल, बिकवाली की स्थिति अप्रैल 2009 की भी हद को पार कर चुकी है। इसलिए तेजी भी उतनी ही ज्यादा आएगी। बस, इंतजार कीजिए कि कब ऐसा होता है।

संभावना इस बात की है कि सेंसेक्स किसी दिन एकबारगी 1000 अंक उछल जाए या हो सकता है कि उस पर ऊपरी सर्किट लगाना पड़ जाए। मुझे तो लगता है कि सेंसेक्स सारे फासलों को खत्म करता हुआ मंदड़ियों को कोई मौका दिए बगैर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) को पार कर जाएगा। वैसे, बहुतों को यह ख्वाब लग सकता है क्योंकि उनका मानना है कि अभी सरकार की जो हालत है उसमें वह बाजार को ऐसी गति देना वाला कोई ट्रिगर ला ही नहीं सकती।

खैर, मैं आम निवेशकों के जेहन में केवल एक बात पैठाना चाहता हूं कि हम निश्चित रूप से सेंसेक्स में 22,000 और 28,000 का स्तर देखने जा रहे हैं। इसलिए हमको आज से मार्च 2012 तक कम से कम दो चीजें करनी चाहिए। एक, चाहे कुछ हो जाए, हमें शॉर्ट सेलिंग से बचना चाहिए। दो, अगर हम नया कुछ नहीं खरीद सकते तो जो है, उसे होल्ड करना चाहिए। इसके पीछे सीधा-सा तर्क यह है कि ट्रेडिंग के चक्कर में अभी अपनी पूंजी न गंवाएं क्योंकि यह आनेवाले वक्त में कई गुना हो सकती है और आपका अभी तक हुआ सारा घाटा धो-पोंछ सकती है।

अंत में आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं…

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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