बाजार में निवेश का निर्णय कई पहलुओं से जुड़ा हुआ है। जैसे, अगर हम इंडियाबुल्स रीयल एस्टेट (बीएसई कोड – 532832, एनएसई कोड – IBREALEST) का मामला लें तो इसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) और पी/ई अनुपात इसमें कतई निवेश की इजाजत नहीं देता। इसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 1.12 रुपए है। शेयर कल बीएसई में 2.07 फीसदी बढ़कर 209.65 रुपए पर बंद हुआ है। इस तरह उसका पी/ई अनुपात निकलता है 187.36। इतने ज्यादा पी/ई अनुपात पर किसी भी शेयर में निवेश करने की बात सोचना तक गुनाह है। वैसे भी 2 रुपए अंकित मूल्य का शेयर बिना अच्छे-खासे ईपीएस के अगर 200-300 रुपए तक कूद रहा हो तो उससे दूर ही रहना चाहिए।
लेकिन जानकार कहते हैं कि इंडियाबुल्स रीयल एस्टेट नई मंजिल पर जाने की तैयारी में है। कारण, वह अपने सारे कामकाज का इस तरह पुनर्गठन कर रही है ताकि शेयरधारकों के लिए मूल्य की ‘अनलॉकिंग’ हो सके। कल 20 अक्टूबर, बुधवार को कंपनी के निदेशक बोर्ड ने फैसला किया है कि रीयल एस्टेट और पावर/इंफ्रास्ट्रक्चर को एकदम अलग-अलग कर दिया जाए ताकि शेयरधारकों को इन दोनों में सीधा स्वामित्व मिल सके। अभी समूह की अन्य लिस्टेड कंपनी इंडियाबुल्स पावर असल में इंडिया बुल्स रीयल एस्टेट की सब्सिडियरी है। समूह इंडिया बुल्स पावर का भी पुनर्गठन करने की सोच रहा है। इसकी वजह यह है कि रीयल एस्टेट और बिजली व इंफ्रास्ट्रक्चर के धंधे की रिस्क प्रोफाइल और पूंजी जरूरतें अलग हैं। इसलिए कंपनी चाहती है कि इनमें आगे कोई घालमेल न रखा जाए।
जानकार इसे काफी सकारात्मक फैसला बताते हैं। उनका कहना है कि इससे इंडियाबुल्स रीयल एस्टेट ही नहीं, इंडिया बुल्स पावर के भी शेयरों में सुधार आएगा। कल इस फैसले के बाद इंडियाबुल्स पावर के शेयर 11.17 फीसदी बढ़कर 30.85 रुपए पर बंद हुए हैं। हालांकि यहां यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि साल भर पहले इंडियाबुल्स पावर का आईपीओ आया था जिसमें उसका इश्यू मूल्य 45 रुपए था। इस तरह उसके आईपीओ के निवेशक अब भी खुद को अपने फैसले के लिए कोस रहे होंगे।
खैर, बाजार में इस तरह का जोखिम चलता रहता है। इंडियाबुल्स बहुत तगड़ी राजनीतिक पहुंचवाला समूह है। बताते हैं कि उसकी पीठ पर सोनिया गांधी परिवार का हाथ है। इसीलिए उसका बिजनेस तेवर भी काफी आक्रामक है। चार-चार कंपनियां लिस्टेड हैं। इंडियाबुल्स रीयल एस्टेट ने कल ही दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए है। इसके अनुसार 30 सितंबर 2010 को खत्म तिमाही में उसने 65.62 करोड़ रुपए की आय पर 31.45 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि साल भर पहले 30 सितंबर 2009 की तिमाही में उसकी आय 32.26 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 5.96 करोड़ रुपए ही था। इस तरह तुलनात्मक रूप से उसकी आय 103 फीसदी और शुद्ध लाभ 428 फीसदी बढ़ा है। आखिर में बता दें कि इसके शेयर की बुक वैल्यू अभी 162.50 रुपए है।