गिरावट की असली वजह वो नहीं

कहा जा रहा है कि बाजार गिरावट का शिकार हो गया क्योंकि चीन के ब्याज दरें बढ़ाने से अमेरिका व यूरोप के साथ-साथ एशिया के भी बाजारों को भी चोट लगी है। लेकिन असली वजह यह नहीं है। अगर ऐसा होता तो बाजार बिना आपको कोई मौका दिए हुए सीधे 300 अंकों की गिरावट के साथ खुलता। लेकिन बाजार तो कमोबेश सपाट स्तर पर खुला। ज्यादा समय बढ़त की स्थिति में रहा और सारी बिकवाली कारोबार के आखिरी 45 मिनटों में आई।

यह सारा कुछ रोलओवर के चलते हुआ है जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इसका सिलसिला कल से शुरू होगा और कायदे से रोलओवर होने के लिए बाजार को बढ़ना पड़ेगा। रीयल्टी सेक्टर में काफी मजबूती दिख रही है। इसमें सबसे आगे है आईबी रीयल्टी जिसे हमने 150 रुपए पर उठाया था। कंपनी अपने बिजली कारोबार को अलग कर सकती है जिससे इसका रीयल्टी कारोबार कई गुना बढ़ जाएगा।

हम आपको पहले ही तुरत-फुरत हरकत में आ जानेवाले चंचल किस्म के स्टॉक्स से निकलने की सलाह दे चुके हैं। रीयल्टी स्टॉक्स में भी 10 फीसदी घट-बढ़ होना सामान्य बात है। इसके बावजूद हम चाहते हैं कि आप रीयल्टी में बने रहे, खरीद करें। पिछले सेटलमेंट में एचसीसी 53 रुपए तक गिर गया था और इस सेटलमेंट में खुद को 63-64 रुपए पर जमा रहा है। आप समझ सकते हैं कि आगे इसमें क्या हो सकता है। आईडीबीआई बैंक 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है और अब तक सर्वोच्च स्तर से महज 10 रुपए पीछे है। इसके बाद तो इसका रुतबा व ओहदा ही बदल जाएगा।

कल से 23 नए शेयर एफ एंड ओ सेगमेंट में आ चुके हैं। इनमें से केवल दो पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है। ये दोनों स्टॉक बिग बुल (राकेश झुनझुनवाला) से ताल्लुक रखते हैं। ये हैं – बॉम्बे डाईंग और हिंदुस्तान ऑयल।

बाजार में अभी कुछ भी गड़बड़ नहीं है। जो है वह बस विश्वास का संकट है। ऐसा हर सेटलमेंट के दौरान ही होता है और उसके बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है। अमेरिका में आईटी सेक्टर अगले 12 महीनों में अच्छा चलेगा। नैस्डॉक पिछले उच्चतम स्तर को पार कर जाएगा। इससे भारत में छोटी आईटी कंपनियों के विलय और अधिग्रहण की गति तेज हो जाएगी। इसलिए देश की छोटी आईटी कंपनियों पर बराबर नजर रखने की जरूरत है।

शब्द शाश्वत हैं, हमेशा बने रहते हैं। वे तो शाश्वत माने जानेवाले पहाड़ों से भी ज्यादा समय तक चलते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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