ईक्लर्क्स सर्विसेज (बीएसई कोड – 532927, एनएसई कोड – ECLERX) की बुक वैल्यू अभी 82.83 रुपए है। वित्त वर्ष 2009-10 में ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 38.23 रुपए रहा है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 31.10 रुपए है। शेयर कल बीएसई में 600.05 रुपए पर बंद हुआ है। इस तरह वह 19.29 (600.25/31.10) के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। जाहिर है, यह शेयर कहीं से भी सस्ता नजर नहीं आ रहा। लेकिन एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का आकलन है कि यह मौजूदा स्तर पर भी निवेश का अच्छा मौका दे रहा है। यह चालू वित्त वर्ष 2010-11 के अनुमानित ईपीएस 38 रुपए से 15.8 गुने यानी पी/ई पर ट्रेड हो रहा है। इसलिए मौजदा पी/ई पर भी यह साल भर में 732 रुपए तक जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसमें अभी निवेश करनेवाले को 22 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है।
ईक्लर्क्स सर्विसेज लिमिटेड (ईसीएल) छोटी आईटी कंपनी है। सॉफ्टवेयर निर्यात करती है। वित्त वर्ष 2007-08 में उसके पास 1527 कर्मचारी थे। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में जून की तिमाही के अंत तक यह संख्या 3124 हो गई है। पिछले तीन सालों में कंपनी की आय 45 फीसदी सालाना की दर से बढ़ी है। उसके पास अभी तीन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) मुंबई में और एक विशेष आर्थिक ज़ोन (एसईजेड) पुणे में है। वह अगले चरण के विकास के लिए नवी मुंबई में 44,000 वर्गफुट में नया एसईजेड बना रही है।
कंपनी पूंजी बाजार और सेल्स व मार्केटिंग के दो हिस्सों में सेवाएं उपलब्ध कराती है जिनसे उसकी आधी-आधी आय आती है। उसके पास अभी 45 ग्राहक हैं, जिनमें से 20 फॉर्च्यून-500 की सूची में शामिल हैं। हां, कंपनी के साथ नकारात्मक व जोखिम भरा पहलू यह है कि उसकी आय का 87 फीसदी हिस्सा अभी केवल पांच बड़े ग्राहकों से आ रहा है। साल भर पहले यह हिस्सा 82 फीसदी था। अगर ये ग्राहक इधर-उधर हुए तो कंपनी को तगड़ा धक्का लग सकता है। दूसरे कंपनी की आय का 76 फीसदी हिस्सा अमेरिकी डॉलर, 20 फीसदी हिस्सा यूरो और 4 फीसदी हिस्सा पौंड स्टर्लिंग में आता है। इसलिए डॉलर समेत अन्य विदेशी मुद्राओं की हलचल उसके कारोबार को प्रभावित करती है।
हालांकि वित्तीय आधार पर देखें तो कंपनी की बैलेंस शीट पूरी तरह ऋण से मुक्त है। वह लगातार शानदार लाभांश देती रही है। पिछले ही महीने उसने 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 10 रुपए (100 फीसदी) का लाभांश दिया है। यही नहीं, कंपनी इस साल जुलाई में दो पर एक शेयर का बोनस भी दे चुकी है। मजे की बात यह कि यह शेयर 26 जुलाई को एक्स-बोनस होने के बाद भी बढ़ता रहा है। 23 जुलाई को यह 463.90 रुपए पर बंद हुआ था। इसके बाद बढ़ते-बढ़ते 5 अक्टूबर को 637.95 रुपए पर पहुंच गया जो 52 हफ्ते का उसका नया शिखर है।
नोट करने की बात यह है कि 23 जुलाई को जिसके पास कंपनी के दो तीन शेयर थे, उसके पास अक्टूबर तक तीन शेयर हो गए हैं। इस तरह 23 जुलाई से 5 अक्टूबर के बीच उसके शेयरधारक को करीब 106 फीसदी रिटर्न मिला है। कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 59.84 फीसदी है। एफआईआई के पास उसके 15.42 फीसदी और डीआईआई के पास 11.19 फीसदी शेयर हैं।
बाकी चर्चा-ए-खास यह है कि आज संजीवनी पैरेटल्स में कोई बड़ी खबर आ सकती है और इसके 20 फीसदी सर्किट ब्रेकर तक चले जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कैम्फर में भी ऐसी ही बढ़त की गुंजाइश है। क्विंटेग्रा सोल्यूशंस कल करीब 5 फीसदी बढ़कर 16.20 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन कुछ ऑपरेटरों ने इसके काफी ज्यादा शेयर 60 रुपए के भाव पर खरीद रखे हैं। अगले साल की दीवाली तक इसके 145 रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।