पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने 27 अगस्त 2007 से ही डीमैट खातों के लिए पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) को अनिवार्य कर दिया था। लेकिन अब भी बहुत सारे निवेशक हैं जिन्होंने अपने डीमैट खातों के डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के पास पैन नंबर की पुष्टि नहीं कराई है। इसके लिए उन्हें पैन कार्ड की फोटोकॉपी वगैरह देनी थी। अभी तक पैन वेरिफिकेशन न करानेवाले निवेशक अपने खाते से कुछ डेबिट नहीं सकते थे। लेकिन सेबी ने अब नियम बना दिया है कि 16 अगस्त से ऐसे खातों में कुछ भी क्रेडिट नहीं हो सकता है।
सेबी ने गुरुवार को डिपॉजिटरी संस्थाओं (एनएसडीएल और सीडीएसएल) को एक सर्कुलर भेज कर हिदायत दी है कि जिन डीमैट खातों में पैन की पुष्टि नहीं हुई है, उनमें कोई क्रेडिट न किया जाए। अभी तक निवेशकों के ऐसे खाते केवल इस मायने में फ्रीज थे कि वे इनसे शेयर बाजार में कोई सौदा नहीं कर सकते थे और न ही कुछ निकाल सकते थे। लेकिन आईपीओ, एफपीओ, राइट या बोनस के तहत मिलनेवाले शेयर उनके खाते में आते रहते थे। उन्हें बाकायदा कंपनी द्वारा घोषित लाभांश भी मिल जाता था। लेकिन 16 अगस्त से ऐसा नहीं हो पाएगा और ये खाते पूरी तरह फ्रीज हो जाएंगे। हालांकि इन्हें बंद नहीं किया जाएगा।
सेबी का कहना है कि यह कदम शेयर बाजार में निवेश करनेवालों की पूरी जानकारी रखने के लिए उठाया गया है। यह केवाईसी (नो योर क्लाएंट) मानकों का हिस्सा है। बता दें कि इस समय कितने डीमैट खातों में पैन का वैरिफिकेशन नहीं हुआ है, यह आंकड़ा एनएसडीएल या सीडीएसएल ने नहीं उपलब्ध कराया है। उनके मिली जानकारी के अनुसार एनएसडीएल में सक्रिय डीमैट खातों की संख्या 24 जुलाई तक 103.05 लाख है, जबकि सीडीएसएल में 26 जुलाई तक यह संख्या 68.14 लाख है।