आईओएल नेटकॉम देश में आईपीटीवी (इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन) और वीओडी (वीडियो ऑन डिमांड) सेवा शुरू करनेवाली पहली कंपनी है। आईपीटीवी सेवा वह एमटीएनएल के लिए मुंबई और कोलकाता में उपलब्ध कराती है। वह ब्रॉडबैंड से लेकर म्यूजिक ऑन डिमांड, ई-लर्निंग, ई-कॉमर्स वगैरह में भी अपने पैर फैला रही है। लेकिन इसी सारे विस्तार के बीच उस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की नजर पड़ गई है। बाजार में जबरदस्त चर्चा उठी हुई है कि मुकेश अंबानी टेलिकॉम क्षेत्र में उतरने के क्रम में इस कंपनी का भी अधिग्रहण कर सकते हैं। अभी तीन दिन पहले ही उन्होंने हिमाचल फ्यूचरिस्टिक (एचएफसीएल) से जुड़ी कंपनी इनफोटेल ब्राडबैंड की 95 फीसदी इक्विटी खरीदने की घोषणा की है।
आईओएल रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए काफी सस्ता सौदा है। कंपनी का 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर मंगलवार को बीएसई में 3.79 फीसदी बढ़कर 17.80 रुपए और एनएसई में 2.91 फीसदी बढ़कर 17.70 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी की कुल इक्विटी 27.36 करोड़ रुपए है जिसमें से प्रवर्तकों की हिस्सेदारी मात्र 4.01 फीसदी है। एफआईआई के पास कंपनी के 10.29 फीसदी शेयर हैं। कंपनी की 51.45 फीसदी इक्विटी 14 फर्मों और तीन व्यक्तियों के पास है। यह कंपनी दिसंबर 2000 में स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट हुई थी।
कंपनी के पास देश के छह महानगरों में करीब 300 कर्मचारी हैं। कंपनी फिलहाल घाटे में चल रही है। 2008-09 में उसने 37.12 करोड़ रुपए की आय पर 14.04 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में उसे 17.99 करोड़ रुपए की आय पर 8.42 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। लेकिन कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू फिलहाल 32.86 रुपए है। जाहिर है कि यह कंपनी मुकेश अंबानी के लिए ही नहीं, किसी के लिए भी खरीद का सस्ता सौदा है।