सतत विकास के लिए निरंतर शोध जरूरी है

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष और पब्लिक इनफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर व इनोवेशंस पर प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा का मानना है कि सतत वृद्धि के लिए शोध की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य, ऊर्जा, प्रशासन और बुनियादी ढांचे समेत जीवन के तमाम क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देना होगा।

शोध की जरूरत पर बल देते हुए पित्रोदा ने देश में पब्लिक इनफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हमें सैकड़ों की तादाद में अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की जरूरत है। हमने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद की तर्ज पर राज्यस्तरीय अनुसंधान परिषद स्थापित करने को कहा है।’’

पित्रोदा ने कहा कि मंत्रालयों से भी विभाग के स्तर पर अनुसंधान परिषद स्थापित करने का अनुरोध किया है। शोध की संस्कृति निश्चित रूप से विकसित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में सूरत और आगरा जैसे कम से कम 40 औद्योगिक संकुल है। जहां सूरत हीरा के लिये प्रसिद्ध है, वहीं आगरा चमड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन दुर्भाग्य से इसमें कोई भी ऐसा संकुल नहीं है जहां किसी प्रकार का शोध कार्य होता हो। पित्रोदा ने कहा, ‘‘हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जो कुछ अलग तरह से काम करें।’’

उन्होंने कहा कि देश के सामने 21वीं सदी की चुनौती है लेकिन हमारा सोचने का तरीका 19वीं सदी का है। हमें स्वास्थ्य, ऊर्जा, प्रशासन, बुनियादी ढांचे जैसे जीवन से जुड़े सभी क्षेत्रों में शोध की जरूरत है। कल की चुनौतियों का सामना करने का कोई और दूसरा रास्ता नहीं है।

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