अमेरिका में श्रीलंकाई मूल के अरबपति धंधेबाज राज राजारत्नम को इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी करार देते हुए अदालत ने जब 11 साल कैद की सजा सुनाई तो उसने राजारत्नम से पूछा कि क्या उसे अपनी सजा पर कुछ कहना है तो उसका जवाब था, “नहीं। शुक्रिया, योर ऑनर।” राजारत्नम अदालत के फैसले से मायूस भी नहीं दिखा। शायद उसे अंदाजा था कि अदालत उसे रियायत नहीं देगी। कोर्ट के बाहर निकलते ही कैमरे उसकी तरफ मुड़ गए और फ्लैश पर फ्लैश चमकने लगे।
कंपनियों की अंदरूनी जानकारियां जुटाकर शेयर बाजार के अकूत कमाई करनेवाला राजारत्नम अब 11 साल तक जेल में एक-एक दिन गिनकर काटेगा। हालांकि उसकी सजा 28 नवंबर के बाद शुरू होगी। यह पहला मौका है जब इनसाइडर ट्रेडिंग के किसी दोषी को 11 साल लंबी सजा सुनाई गई है। न्यूयॉर्क के फेडरल जज रिचर्ड हॉलवेल ने गुरुवार को राजारत्नम की तीखी आलोचना करते हुए कहा, “इस विषाणु को खत्म करना जरूरी है।” अदालत ने उस पर एक करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोंका और 5.38 करोड़ डॉलर जब्त करने का आदेश दिया।
54 साल के राजारत्नम को राहत के नाम पर डेढ़ महीने की मोहलत मिल पाई। राजारत्नम की किडनी बदली जानी है। अदालत ने इलाज के लिए उसे 28 नवंबर तक की मोहलत दी है। इसके बाद श्रीलंकाई कारोबारी को आत्मसमर्पण कर जेल की सजा भुगतनी होगी। प्रशासन को राजारत्नम पर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।
बता दें कि 1957 में कोलंबो में पैदा हुआ राजारत्नम बचपन से ही एक मेधावी छात्र रहा। जवानी में वह इंग्लैंड गया और ससेक्स यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। बिजनेस के गुर के धनी राजारत्नम ने इंग्लैंड के बाद अमेरिका का रुख किया। 1983 में पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। इसी दौरान वह अमेरिकी शेयर बाजार के जुड़े लोगों के संपर्क में आया। पहली नौकरी चेज मैनहट्टन बैंक में की और हाईटेक कंपनियों को लोन देकर बैंक के वारे-न्यारे कर दिए।
बाद में उसने गैलियॉन नाम क हेज फंड बनाया। 2008 तक उसका हेड फंड कारोबार सात अरब डॉलर तक पहुंच गया। गैलियॉन दुनिया की सबसे बड़ी हेज फंड कंपनी बन गई। विश्वव्यापी मंदी के बावजूद 2009 में 1.2 अरब डॉलर के उसके एक डाइवर्सिफाइड फंड का रिटर्न 22.3 फीसदी रहा। अमेरिकी पत्रिकाएं और अखबार उसे ‘द न्यू इनवेस्टमेंट सुपरस्टार’ कहने लगे। लेकिन यहीं से राजारत्नम की मुश्किलें भी शुरू हुईं। उसका नाम मुजरिमों की सूची में आ गया। मई 2011 में उसे शेयरों की गैरकानूनी ढंग से खरीद फरोख्त में 14 मामलों में दोषी पाया गया। अब उसे 11 साल की सजा सुनाई है। दुनिया की सबसे बड़ी हेज फंड कंपनी गैलियॉन जुर्माने भुगत-भुगत कर अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है।
निवेशकों का नुकसान..