सालों-साल से बनाया जा रहा 24-25 स्टॉक्स का जो पोर्टफोलियो सितंबर तक 60-62% फायदा दिखा रहा था, दो महीने में ही वहां फायदा 30-32% तक सिमट जाए तो किसी का भी दुखी हो जाना स्वाभाविक है। कमज़ोर कंपनियों के शेयर गिर जाएं तो समझ में आता है। लेकिन अच्छी-खासी मजबूत कंपनियों के शेयर घाटा देने लग जाएं तो धैर्यवान व समझदार निवेशक भी मायूस हो जाता है और खुद को असहाय महसूस करता है। लेकिन इतिहास साक्षी है कि इस तरह के अशांत व अफरातफरी के दौर में भी जो निवेशक अपनी शांति नहीं खोते, मजबूत कंपनियों के साथ डटे रहते हैं, उन्हें बेचकर भाग नहीं जाते, बल्कि भाव गिरने पर उनके और ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं, वे ही लम्बे समय में अच्छी दौलत बना पाते हैं। शेयर बाज़ार का स्वभाव ही है उठना, गिरना और गिरने के बाद फिर उठ जाना। उतार-चढ़ाव के चक्र से गुजरते बाज़ार में वही निवेशक सफल होते हैं जो मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों के शेयर तब खरीद लेते हैं, जब बाज़ार में छाए पस्ती के माहौल में उनके भाव गिरते-गिरते काफी नीचे पहुंच गए होते हैं। आज तथास्तु में एक ऐसी ही कंपनी…
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