अगले हफ्ते सोमवार को पेश होनेवाले आम बजट में बीमा से लेकर रक्षा और मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर कुछ सकारात्मक घोषणाएं हो सकती हैं। इस बात का स्पष्ट संकेत सोमवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें निवेश के लिए वातावरण को अनुकूल बनाने की जरूरत है। सार्वजनिक व निजी निवेश के साथ विदेशी निवेश, विशेषकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित करने और अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है।’’
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान एफडीआई 23 फीसदी घटकर 16.03 अरब डॉलर रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 20.87 अरब डॉलर था। वैसे, केंद्र सरकार की तरफ से मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई की इजाजत और रक्षा उत्पादन में एफडीआई सीमा बढ़ाने के बारे में शुरूआती पहल की गई है। लेकिन इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण को सरकार का नीति वक्तव्य माना जाता है। इसलिए बजट में उनके कहे अनुसार कदम उठाए जाने की पक्की संभावना है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमें व्यापक मोर्चें पर सुधार की गति को बनाये रखना है।’’ बता दें कि बीमा, बैंकिंग, पेंशन, रिटेल, कृषि, रक्षा उत्पादन, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर और प्रशासनिक क्षेत्र में सुधार के प्रस्तावों पर आगे की कार्रवाई की लम्बे समय से प्रतीक्षा है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मुद्रास्फीति और वैश्विक संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंचे आर्थिक विकास के रास्ते पर है लेकिन हमें आत्मसंतोष से बचना चाहिए।’’
गौरतलब है कि जहां एक तरफ विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अभी वित्तीय संकट से पूरी तरह नहीं उबर पाई हैं, वहीं चालू वित्त वर्ष 2010-11 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.6 फीसदी रहने का अग्रिम अनुमान जतया गया है। इसी प्रकार, 2009-10 में आर्थिक वृद्धि 8 फीसदी रही थी। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हमारा लक्ष्य केवल उच्च आर्थिक वृद्धि ही नहीं है, बल्कि समाज के गरीब, कमजोर व वंचित वर्गों के लिए आर्थिक विकास में उपयुक्त भागीदारी को सुनिश्चित करना भी हमारा प्रमुख उद्देश्य है।