दो पाटों में पिस रही हमारी अर्थव्यवस्था

विश्व बैंक ने आगाह किया है कि भारत का विदेशी ऋण इस साल 2025 में 100 अरब डॉलर और बढ़ सकता है। यह सितंबर 2024 तक 711.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। ऊपर से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 सितंबर 2024 को हासिल 704.89 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर से गिरते-गिरते 14 फरवरी 2025को 635.72 अरब डॉलर पर आ चुका है। अंदर की कमज़ोरी और बाहर के बोझ के दो पाटों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था पिस रही है। फिर भी फ्रांस के बहुराष्ट्रीय बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी बीएनपी परिबास की तरफ से रिपोर्ट निकलवाई जाती है कि अब भारत के सामने आर्थिक विकास के सिकुड़ने की जो चुनौती आई थी, वो बदलते वक्त के साथ खत्म होती जा रही है क्योंकि यहां से कृषि निर्यात बढ़ रहे हैं, ग्रामीण मजदूरी में इजाफा हो रहा है। साथ ही दिसंबर की तिमाही के खत्म होने के एक हफ्ते बाद ही औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), स्टील उत्पादन, वाहनों की बिक्री और टैक्स संग्रह बढ़ने की खबरें हैं। हालांकि बीएनबी परिबास ने अपनी रिपोर्ट के आशावाद को पुष्ट करने के लिए कोई डेटा नहीं दिया है। माना जा रहा है कि उसकी यह रिपोर्ट सरकारी है और भारतीय शेयर बाज़ार से भाग रहे विदेशी निवेशकों को रोकने की एक कोशिश है। अब मंगलवार की दृष्टि…

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